अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में फैसला आ गया है। 14 साल बाद आए इस फैसले में विशेष अदालत ने इन बम धमाकों में दोषी पाए गए कुल 49 अभियुक्तों में 38 को फांसी की सजा सुनाई। जबकि 11 को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, कोर्ट के बाहर और आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इन सीरियल ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने सजा के लिए 18 फरवरी की तारीख तय की थी।
77 आरोपियों के खिलाफ चलाया गया था मुकदमा।
अदालत ने 77 अभियुक्तों के खिलाफ बीते साल सितंबर में सुनवाई खत्म की थी। विचाराधीन 78 आरोपियों में से एक सरकारी गवाह बन गया था। अहमदाबाद पुलिस का आरोप था कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने 2002 में हुए गोधरा दंगे का प्रतिशोध लेने के लिए बम धमाको की साजिश रची थी।
बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में कई स्थानों पर आतंकियों ने सीरियल बम धामाके किए थे। उस दिन 70 मिनटों के बीच 22 धमाके हुए थे। जिधर देखो उधर तबाही का मंजर था। इन धमाकों में जान- माल का भारी नुकसान हुआ था। 56 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा घायल हो गए थे। आतंकियों ने कुल 24 बम लगाए थे। कलोल और नरोदा में लगा बम नहीं फटा था।
धमाकों की जिम्मेदारी हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी ने ली थी। गुजरात की विशेष अदालत ने इस मामले में 8 फरवरी 2022 को 49 लोगों को दोषी करार दिया था। आरोपी रहे 28 लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।
( खबर के साथ 2008 का फाइल चित्र है।)