‘राम कथा ही राष्ट्र कथा है’ के ध्येय वाक्य के साथ 26 मार्च से प्रारम्भ होगा सात दिवसीय दिव्य राम कथा अनुष्ठान

  
Last Updated:  March 25, 2022 " 07:49 pm"

दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा पहली बार सुनाएंगी दिव्य राम कथा।

रणजीत हनुमान मंदिर से अन्नपूर्णा मन्दिर तक निकलेगी रामचरित मानस कलश यात्रा।

इंदौर : शहर के प्रमुख आस्था केन्द्र अन्नपूर्णा मंदिर परिसर में शनिवार 26 मार्च से दीदी मां के नाम से लोकप्रिय साध्वी ऋतम्भरा देवी के श्रीमुख से होने वाली दिव्य रामकथा की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। अन्नपूर्णा आश्रम के लगभग दो लाख वर्गफीट मैदान पर एक लाख भक्तों के लिए सुसज्जित पांडाल बनकर तैयार हो चुका है।

मानस कलश यात्रा के साथ प्रारम्भ होगा रामकथा अनुष्ठान।

‘रामकथा ही राष्ट्र कथा है’ के ध्येय वाक्य से सज्जित दिव्य रामकथा का यह सात दिवसीय अनुष्ठान 26 मार्च को सुबह 11बजे रणजीत हनुमान मंदिर से कथा स्थल तक भव्य मानस-कलश यात्रा के साथ होगा। कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक होगी।

श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का रखा जाएगा ध्यान।

श्री अन्नपूर्णा आश्रम ट्रस्ट एवं वात्सल्य सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में हो रहे इस दिव्य अनुष्ठान के लिए आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सान्निध्य में गठित समिति के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, प्रमुख संयोजक रूपकुमार माहेश्वरी एवं कवि मुकेश मोलवा, महामंत्री संजय बांकड़ा और कोषाध्यक्ष श्याम सिंघल ने पत्रकारों को कथा स्थल की तैयारियों का अवलोकन कराते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि करीब 50 सीसीटीवी कैमरों के अलावा 100 पुरुष स्वयं सेवक और 100 महिला स्वयं सेवक पांडाल में कथा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी संभालेंगे। गर्मी के मौसम को देखते हुए पांडाल में 50 कूलर एवं 100 पंखों की व्यवस्था भी की गई है। बाहर से आने वाले भक्तों के लिए मात्र 5 रुपए में पोहे, 5 रु. में छाछ और 10 रु. में पूड़ी-सब्जी की व्यवस्था भी कथा के पूर्व उपलब्ध रहेगी।

डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टॉफ भी रहेगा तैनात।

वाहनों के पार्किंग की निःशुल्क व्यवस्था दशहरा मैदान, विनय नगर एवं कथा स्थल के पास रहेगी। पुलिस, यातायात पुलिस, फायर ब्रिगेड एवं 5 चिकित्सकों सहित पैरामेडिकल स्टॉफ यहां पूरे समय तैनात रहेंगे। उम्मीद है कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु इस रामकथा रूपी अमृत का रसपान करने आएंगे।

8 खंडों में बांटा गया है पांडाल।

सम्पूर्ण पांडाल को 8 खंडों में बांटा गया है। महिला एवं पुरुषों के लिए पृथक बैठक व्यवस्था रहेगी। महिलाओं के लिए आरक्षित पांडाल के प्रखंडों के नाम सीता, उर्मिला, मांडवी, कौशल्या, सुमित्रा, शबरी, अहिल्या एवं नर्मदा पर रखे गए हैं, वहीं पुरुष प्रखंडों के नाम परशुराम, केवट और विश्वामित्र रहेंगे। प्रत्येक खंड में 25 हजार भक्तों के लिए बैठक व्यवस्था भारतीय पद्धति से रहेगी। पत्रकार वार्ता में साध्वी ऋतम्भरा की प्रिय शिष्य साध्वी सत्यप्रिया दीदी भी उपस्थित थीं। उन्होंने रामकथा की महत्ता बताई। कथा में बड़ी संख्या में बाहर से भी श्रद्धालुओं के आगमन की सूचना है। इस लिहाज से प्रशासन से आग्रह किया गया है कि अन्नपूर्णा मंदिर तक नगर सेवा के रूप में इन सात दिनों के लिए छोटे वाहन चलाने की व्यवस्था की जाए।

ये रहेंगे यजमान।

कथा के मुख्य यजमान प्रेमचंद गोयल एवं यजमान समूह में पवन सिंघानिया, दिनेश मित्तल, टीकमचंद गर्ग, निर्मल रामरतन अग्रवाल, मुरारी शाह, अविनाश अग्रवाल मनोनीत किए गए हैं।
शहर के लगभग सभी प्रमुख श्रेष्ठीजन इस महोत्सव से जुड़े हैं।

दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्था।

आयोजन समिति के प्रमुख समन्वयक किशोर गोयल, समन्वयक सुशील बेरीवाल, मंत्री मनीष बिसाणी, सहमंत्री मनोज जैन ने बताया कि व्यासपीठ का निर्माण करीब साढ़े तीन हजार वर्गफीट में किया गया हैं। बीमार, दिव्यांग और वृद्ध लोगों के लिए अन्नपूर्णा मंदिर से कथा स्थल तक आने-जाने के लिए पांच ई-रिक्शा एवं व्हीलचेयर की व्यवस्था भी की जा रही है। कथा स्थल पर पर्याप्त रोशनी, शीतल पेयजल, सुरक्षा, प्राथमिक चिकित्सा, साफ-सफाई आदि के पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं। मैदान की दिन में दो बार सफाई सुनिश्चित की गई है। नगर निगम के सहयोग से महिला एवं पुरुषों के लिए सुविधा गृह भी बनाए गए हैं। पीछे बैठने वाले श्रोता भी कथा का पूरा रसास्वादन कर सकें, इसके लिए पांडाल और बाहर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था भी की जा रही है। तीन हाईपावर जनरेटर भी कथा स्थल पर हमेशा उपलब्ध रहेंगे।

रामचरित मानस के लिए बनेगा परिक्रमा मण्डप।

आयोजन समिति की प्रचार मंत्री मनजीत कीर्तिराजसिंह मिटावल, अवधेश यादव, मनीष जाखेटिया, राकेश डांगी एवं मनोज अन्नपूर्णा ने बताया कि कथा का शुभारंभ शनिवार 26 मार्च को सुबह 11 बजे रणजीत हनुमान मंदिर से भव्य मानस कलश यात्रा के साथ होगा। इसके पूर्व शहर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु अलग-अलग समूह में कथा श्रवण के लिए रणजीत हनुमान पहुंचकर मानस कलश यात्रा में शामिल होंगे। करीब 501 श्रद्धालु अपने मस्तक पर रामचरित मानस को धारण कर नरेन्द्र तिवारी मार्ग से अन्नपूर्णा मंदिर स्थित कथा स्थल पहुचेंगेजहां इन सभी 501 रामचरित मानस का अनूठा मंडप बनाया जाएगा। श्रद्धालु इसकी परिक्रमा कर सकेंगे। 26 मार्च को वाल्मीकि समाज, 27 को गौसेवक, 28 को भील और आदिवासी , 29 को अयोध्या गए कारसेवक, 30 को शहर को पांचवीं बार स्वच्छता में नंबर वन का खिताब दिलाने वाले सफाई योद्धा, 31 मार्च को भूतपूर्व सैनिक और 1 अप्रैल को समापन अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में समाजसेवा करने वाले विशिष्ट लोगों का सम्मान किया जाएगा। आयोजन की दिव्यता को देखते हुए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। शहर में वार्ड स्तर पर कार्यकर्ताओं की बैठकों और मातृशक्ति द्वारा घर-घर पीले चावल देकर कथा का न्यौता देने का अभियान लगभग सभी क्षेत्रें में पूरा हो चुका है।

पहली बार रामकथा करने जा रहीं हैं साध्वी ऋतंभरा।

उल्लेखनीय है कि करीब दस वर्षों के लंबे अंतराल के बाद वात्सल्य मूर्ति दीदी मां के मुखारविंद से यह आयोजन हो रहा है। दीदी मां साध्वी ऋतंभरा पहली बार रामकथा रूपी अमृत की वर्षा करने आ रही हैं। कथा में 26 मार्च को गुरु संतनाम महिमा, 27 को सती प्रसंग एवं शिव विवाह, 28 को श्रीराम जन्मोत्सव, 29 को राम-जानकी विवाह, 30 को वन गमन केवट प्रसंग, 31 को भरत मिलाप एवं 1 अप्रैल को राम राज्याभिषेक के प्रसंग होंगे। प्रसंगानुसार विभिन्न उत्सव भी धूमधाम से मनाने की तैयारियां की गई है।

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