प्रभु श्रीराम के चरणों में इंदौर के कलाकारों ने पेश की अपने हुनर की बानगी

  
Last Updated:  January 15, 2024 " 09:26 pm"

सुमधुर कला अर्चन से राममय हुआ इंदौर।

संस्कार भारती जिला इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शहर के गायको ने पेश की संगीतमय प्रस्तुति।

इंदौर : संस्कार भारती इंदौर द्वारा इंदौर नगर निगम के सहयोग से आयोजित प्रभु श्रीराम को समर्पित कला अर्चन महोत्सव रविवार को कृष्णपुरा छतरियों पर आयोजित किया गया। 12 घंटे तक सतत चले इस सार्थक और अनूठा कार्यक्रम में अलग – अलग विधाओं के कलाकारों ने प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी प्रस्तुतियां दी।इनमे गायन, वादन, नृत्य, चित्रकला और रंगोली जैसी विधाएं शामिल थीं।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद संस्कार भारती का ध्येय गीत वसंत संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसी संस्थान की नृत्यांगनाओं द्वारा राम स्तुति भी पेश की गई।

सीता हरण व जटायु प्रसंग की मृत्यमय प्रस्तुति।

इसके बाद कार्तिक कला अकादमी की नृत्यांगनाओं ने डॉ. सुचित्रा हरमलकर द्वारा निर्देशित सीता हरण और जटायु प्रसंग का मंचन कर प्रभु श्रीराम के जीवंत स्वरूप को साकार कर श्रोताओं से खूब दांद बटोरी|

अगले क्रम में वरिष्ठ गायक गौतम काले के शिष्यों ने मंच पर आमद दी।संगीत गुरुकुल के इन कलाकारों ने राम भजनों की प्रस्तुति से कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की| प्रमुख प्रस्तुति में ठुमक चलत रामचंद्र, राम का गुणगान करिए ,हनुमान लला, ऐसे प्रसिद्ध भजनों को शास्त्रीय जायके में पिरोकर प्रस्तुत किया गया।

विभिन्न भाषाओं में पेश की गई राम स्तुति।

इस प्रस्तुति के बाद गुजराती, हिंदी ,उड़िया ,पंजाबी, तमिल में भी राम प्रस्तुतियां दी गई। दृष्टि बाधित गायक मनोज शर्मा ने रामलला प्राण प्रतिष्ठा का गीत प्रस्तुत किया। छोटू भारती के समुह द्वारा “राम रस प्याला” कबीर भजन की प्रस्तुति दी गई।
इसी कड़ी में वसंत संगीत महाविद्यालय के युवा कलाकारों ने विलास सप्रे के मार्गदर्शन में शानदार प्रस्तुति दी।

पंचम निषाद के कलाकारों ने दी सुरीली प्रस्तुति।

अगली पायदान पर शहर की वरिष्ठ कला साधक शोभा चौधरी के मार्गदर्शन में पंचम निषाद संस्थान के शिष्यों ने अपनी सुमधुर प्रस्तुति दी जिसे श्रोताओं ने भरपूर सराहा।

राम भक्ति का अलख जगाते इस कार्यक्रम में शहर के कई वरिष्ठ कलाकार विभा चौरसिया, आभा चौरसिया, अजय देशपांडे, अंजलि चौहान, विनय रघुवंशी, मंजुला साकल्ले, तृप्ति बिल्लौरे, वैभवी कुलकर्णी देशपांडे, जतिन निखड़े द्वारा भी राम भजनों की अद्वितीय प्रस्तुतियां दी गई।इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए
गायक अभय माणके ने राम भजनों की गंगा बहाकर माहौल को राममय कर दिया।

सायंकालीन सत्र में शहर की ख्यात गायिका स्मिता मोकाशी,डॉ.शिल्पा मसूरकर, डॉ. पूर्वी निमगांवकर ने मंच संभाला और अपनी धारदार गायन प्रस्तुति से श्रोताओं को स्तरीय गायन की दावत दी।अगले चरण में वरिष्ठ नृत्य कलाकार रंजना ठाकुर, प्रियंका वैद्य, ज्योत्सना सोहनी, आशीष पिल्लई के समूह द्वारा कत्थक एवं ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद आईपीएस अकादमी की नृत्य विभाग प्रमुख डॉ. नेहा केकरे के निर्देशन में विद्यार्थियों ने भगवान राम पर नृत्य बेले प्रस्तुत किया।

इस मौके पर पंजाबी शबद कीर्तन से भी प्रभु राम के चरणों में सुमिरन प्रस्तुति अर्पित की गई। अनुश्री देवताले के एकल वायलिन वादन ने भी खूब समा बांधा।

अंतिम प्रस्तुति में शहर की ख्यात गायिका कल्पना झोकरकर, गायक संजय तरानेकर एवं गौतम काले ने सुरीले भजन पेश कर प्रभु श्रीराम के चरणों में अर्पित सतत 12 घंटे के इस महायज्ञ को अंजाम तक पहुंचाया।

चित्रकारों ने भी प्रभु श्रीराम के चरणों में पेश की अपने हुनर की बानगी।

इसी आयोजन में शहर की वरिष्ठ चित्रकार शुभा वैद्य के नेतृत्व में शहर के जाने-माने 30 से अधिक चित्रकारों ने प्रभु श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रसंगों को कैनवास पर चित्रित किया।इन चित्रों की प्रदर्शनी भी यहां लगाई गई।

इसी के साथ छाया मलमकर, प्रमिला परमाल द्वारा कार्यक्रम स्थल पर खूबसूरत संस्कार भारती रंगोली भी बनाई गई जो आकर्षण का केंद्र रही।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय स्वयं सेवक इंदौर इकाई कार्यवाह मुकेश मोढ, वरिष्ठ चित्रकार ईश्वरी रावल,सांसद शंकर लालवानी, वरिष्ठ नेता गोपी नेमा, मोहन अग्रवाल, श्रीनिवास कुटुंबले, अलाउद्दीन संगीत कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे, वरिष्ठ संस्कृति कर्मी संजय पटेल और अन्य वरिष्ठ संस्कृति कर्मी उपस्थित थे।

सांध्यकालीन आयोजन में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव,विधायक गोलू शुक्ला, स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खरीवाल, क्षेत्रीय पार्षद रूपाली पेंढारकर एवं अन्य गणमान्य अतिथि विशेष तौर पर तौर पर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में तबला संगति सारंग लासुरकर, विलास सप्रे,भरत बारोट, मृणाल नागर, धवल परिहार और हारमोनियम संगति सर्वश्री गौतम काले, मयंक स्वर्णकार, रोहित अग्निहोत्री, सुरेश राजपूत, आदित्य मौर्य ने की। सूत्र संचालन नील माधव भुसारी, रोहित अग्निहोत्री और मंजूषा जोहरी ने किया।अतिथियों का स्वागत संजय तरानेकर, सतीश श्रोत्री, नंदकिशोर बर्वे, मिलिंद दिघे और अश्विन खरे ने किया।आभार अविनाश मोतीवाले एवं सुधीर सूबेदार ने माना।

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