इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई तीर्थाटन संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसी संकल्प को साकार करते हुए “मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना” 19 अप्रैल से पुनः प्रारंभ की जा रही है। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि तीर्थ-यात्रियों का तीर्थ-दर्शन प्रेम और आत्मीयता के साथ पूरा होगा। यात्रा के दौरान तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।
मंत्री ठाकुर ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर तीर्थ-यात्रियों का तुलसी की माला पहनाकर ढोल नगाड़ों से स्वागत किया जाएगा। स्टेशन पर स्वल्पाहार की व्यवस्था भी रहेगी। फूलों से सजी ट्रेन में यात्रियों के भोजन, नाश्ता, चाय के साथ गंतव्य पर रूकने और बसों द्वारा आने-जाने की व्यवस्था भी की गई है। ट्रेन में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एक शासकीय डॉक्टर भी उपलब्ध रहेगा।
बोगी पर अंकित रहेगा जिले का नाम।
मंत्री ठाकुर ने बताया कि रेल की बोगी पर जिले का नाम उल्लेखित रहेगा, जिससे यात्रियों को कोच ढूंढने में आसानी होगी। साथ ही सेंट्रलाइज्ड साउंड सिस्टम भी होगा, जिसे आवश्यतानुसार सभी यात्रियों से बात करने के लिए उपयोग किया जाएगा। विशेष आकर्षण के रूप में ट्रेन में भजन मंडलियाँ रहेंगी, जो यात्रियों को सुबह-शाम प्रार्थना और दिन में भजन गाकर प्रभु से जोड़े रखेंगी।
यात्रियों से अपेक्षा की गयी है कि वे मौसम के अनुरूप वस्त्र, व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री, चादर, तौलिया, साबुन, कंघा, दाढ़ी बनाने का सामान आदि साथ में रखें। सभी तीर्थ-यात्री अपना मूल आधार कार्ड या वोटर आईडी और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की छाया प्रति भी अनिवार्य रूप से रखें। यात्रा समाप्ति पर यात्रियों को भगवान विश्वनाथ का स्मृति-चिन्ह भी भेंट किया जाएगा।
मंत्री ठाकुर भी यात्रियों के साथ काशी विश्वनाथ जाएंगी।
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि वे स्वयं भी रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ तीर्थ-यात्रा में शामिल होंगी। यात्रियों की सेवा कर आशीर्वाद का सुअवसर उन्हें प्राप्त हुआ हैं। मंत्री ठाकुर ने प्रभु से प्रार्थना की है कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना सार्थक हों और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद शासन को मिले।