इंदौर : नर्मदा का तृतीय चरण आने के बाद भी शहर में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है।एक दिन छोड़कर होनेवाली पानी की आपूर्ति भी नियमित नहीं है। कई इलाकों में नलों में पानी नहीं आ रहा है। अगर आता भी है बेहद कम दबाव से और चंद मिनटों के लिए। लोग पानी के लिए बर्तन लेकर भटकने पर मजबूर हैं।
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक तीन के ऐसे कई गली, मोहल्ले और कॉलोनियां हैं जहा पेयजल की किल्लत बनी हुई है। हरसिद्धि, मोती तबेला, मिल्लत नगर में तो 15 मिनिट पानी आ रहा है। भाट मोहल्ला, पलसीकर, माणिक बाग के लोग गाडियो से पागनीसपागा पानी की टंकी पर पानी लेने आ रहे हैं। कई इलाकों में गंदा पानी भी आ रहा है। नर्मदा की टंकियां पर्याप्त मात्रा में भर नही पा रही हैं। रहवासी परेशान हैं और निगम अधिकारी कोई
ध्यान नही दे रहे है।नगर निगम शहर में पानी के टैंकर चलाने का दावा कर रहा है पर ये टैंकर कहां चल रहे हैं और किन्हें पानी दे रहे, इसका कोई अता – पता नहीं है।
विधायक के टैंकर भी नहीं कर पा रहे जलापूर्ति।
विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपने विधानसभा क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए टैंकर चला रखे हैं पर ये टैंकर उन इलाकों में नहीं पहुंच पा रहे हैं जहां वाकई जलसंकट है। जिन कार्यकर्ताओं को उन्होंने टैंकर के जरिए जल वितरण की जिम्मेदारी दे रखी है, शायद वे सही तरीके से जलापूर्ति नहीं करवा पा रहें हैं। लोगों को पता ही नहीं है कि विधायक विजयवर्गीय के पानी के टैंकर बुलवाने के लिए कहां, किससे और किस नंबर पर संपर्क किया जाए।
मस्तरकर्मियों के हवाले है टंकियों से जल वितरण व्यवस्था।
दरअसल नर्मदा की टंकियों से जलापूर्ति की व्यवस्था मस्तरकर्मियो के हवाले है। जो पुराने कर्मचारी थे वो रिटायर हो गए हैं, नए लोग आए है जिन्हें नर्मदा लाइन कहा से गई है इसका कोई अनुभव नही है। कोई फाल्ट भी हो जी जाता है तो ढूंढने में ही काफी वक्त लग जाता है। जलकर वसूलने के लिए दबाव बनाने वाले निगम अधिकारी महीने में 15 दिन भी आम जनता को समुचित जलापूर्ति नहीं करवा पा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों से निराश, जलसंकट झेल रहे लोगों को अब सिर्फ मानसून का ही इंतजार है कि जल्द बारिश हो और उन्हें राहत मिल सके।