फाइव ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए आयात कम करना जरूरी – गडकरी

  
Last Updated:  October 10, 2022 " 12:13 am"

मध्यप्रदेश अपनी सोया नीति बनाएं।

 दो-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव का समापन।

इंदौर: केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए देश में आयात कम करना होगा। भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। देश में सोयाबीन की उत्पादकता अमेरिका और दक्षिण अमेरिकी देशों के मुकाबले काफी  कमजोर है l वे रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोपा द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सोया कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।

उन्नत बीजों के विकास पर दें ध्यान।

उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्राजील,अर्जेंटीना में प्रति एकड़ सोयाबीन 26 से 30 क्विंटल होती है जबकि हमारे यहां सिर्फ 5 क्विंटल पैदावार होती है, ऐसे में उन्नत बीजों के विकास पर ध्यान देना होगा। गडकरी ने सुझाव दिया कि प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य होने के नाते मप्र को अलग से सोया नीति बनाना चाहिए।प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से उन्होंने इस संदर्भ में विचार करने को कहा। पटेल ने  सोया नीति बनाने के सुझाव को स्वीकार करते हुए कहा कि वो इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे।

सोया उत्पादों के विकास को बढ़ावा दे मप्र।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सोया प्रोटीन के देश में अधिकाधिक उपयोग पर बल देते हुए कहा कि सोया खाद्य उत्पादों के विकास पर मप्र जैसे सोया प्रदेशों को ध्यान देने की जरूरत है। इससे लोगों को अच्छा प्रोटीन मिल सकेगा साथ ही देश का सोया मील विदेश में जाने की बजाय यहीं उपयोग होगा और अच्छी कीमत मिलेंगी।

मप्र बनाएं नई सोया नीति।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की स्थिति सुधारने के लिए अब कृषि उपजों से ईंधन, ग्रीन हाइड्रोजन बनाने जैसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। किसान न केवल अन्नदाता बल्कि उर्जा प्रदाता भी बन सकें इसके प्रयास किए जा रहे हैं। देश में सोयाबीन का उत्पादन प्रति एकड़ 15 क्विंटल से ऊपर जाए इस दिशा में सोया नीति बनाकर मप्र को अगुवाई करना चाहिए। 

मंडी शुल्क की दरों में राहत पर एक सप्ताह में निर्णय:कमल पटेल

अंतरराष्ट्रीय सोया सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल  ने राज्य में उपज पर लग रहे मंडी टैक्स का दोहराव और विसंगति एक सप्ताह में दूर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है।

सोया नीति बनाने पर जल्द आगे बढ़ेगी मप्र सरकार।

उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी के सोया नीति बनाने के सुझाव पर सरकार आगे बढ़ेगी और जल्द ही मुख्यमंत्री से वो इस विषय में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि तेल आयात पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्री गोयल से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में उनके अलावा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा मंडी टैक्स के दोहराव और दरों पर राहत देने का निर्णय एक सप्ताह में ले लिया जाएगा। 

दो दिवसीय सोया कॉन्क्लेव का रविवार को अंतिम दिन था। समारोह में प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, तुलसी सिलावट, सोपा चेयरमैन डेविश जैन, उपाध्यक्ष गिरीश मतलानी, निदेशक डीएन पाठक के साथ महाराष्ट्र से आए किसान प्रतिनिधि पाशा पटेल भी मंच पर मौजूद थे। 

खाद्य तेलों के आयात पर हो नियंत्रण। 
                                       
सोपा के पदाधिकारियों ने मंच से मांग उठाई की किसानों को सोयाबीन का सही मूल्य मिल सके इसके लिए आयात होने वाले खाद्य तेलों की मात्रा पर नियंत्रण जरूरी है। दरअसल सोपा के पदाधिकारी हाल ही में सरकार द्वारा तीन तरह के खाद्य तेलों का 20 लाख टन आयात शून्य ड्यूटी पर करने के निर्णय को स्थानीय बाजार में सोयाबीन की कीमतें गिरने की वजह बता रहे थे।

सोयामील के निर्यात पर राहत प्रदान करें सरकार।

सोपा ने सरकार से सोया मील के निर्यात पर राहत की मांग की।
सोपा  के चेयरमैन डॉ डेविश  जैन ने कहा कि सोयामील निर्यात पर सरकार को निर्यात इंसेंटिव के रूप में कुछ छूट या राहत देना चाहिए। इससे भारतीय सोयामील विदेशी प्रतिस्पर्धा में टिक सकेगा। निर्यात बढ़ेगा तो किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी।

सोयाबीन की सही कीमत नहीं मिलने पर किसान बांस उगाने पर जोर देगा : पाशा पटेल।

महाराष्ट्र के किसान नेता पाशा पटेल ने  कहा कि यदि किसानों को सोयाबीन की कीमतें सही नहीं मिली तो किसान सोयाबीन उगाना छोड़कर बांस उगाने पर जोर देंगे। महाराष्ट्र में ऐसा हो रहा था। उन्होंने कहा कि देश में प्रति एकड़ सोयाबीन का उत्पादन 2 से 3 क्विंटल से ज्यादा नहीं है जबकि विदेशों में 20 से 25 क्विंटल तक उत्पादन है। विदेशी जीएम सोयाबीन से मुकाबले देश का नाम जीएम सोयाबीन तब ही कर सकता है जबकि सरकार एक्सपोर्ट इंसेंटिव दे।

उद्योग हुए पुरस्कृत

देश के दस सोयाबीन उद्योगों को सोया प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए कॉन्क्लेव में पुरस्कृत किया गया।सोयामील के सबसे ज्यादा निर्यात के लिए अवि एग्रो बिजनेस,प्रेस्टीज फीड मील और गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट को क्रमश: पहला,दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। सोयाबीन प्रोसेसिंग के लिए भी तीनों उद्योग पुरस्कृत हुए। इसी के साथ मर्चेंट एक्सपोर्ट अवार्ड गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट को मिला।एक्सपोर्टर और वैल्यु एडेड अवार्ड सोनिक बायोकेम एक्सट्रेक्शन, अडानी विलमर और अवि एग्रो को दिया गया।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *