सोमवार 21 नवंबर को काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन।
मंत्री तुलसी सिलावट और ऊषा ठाकुर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से कराया अवगत।
मेडिकल कॉलेजों में प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति का कर रहें विरोध।
इंदौर : एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सभी प्रोफेसर्स व कर्मचारियों ने कॉलेजों में डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम की नियुक्ति के विरोध में 21 नवम्बर को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। 22 नवम्बर से काला दिवस मनाते हुए वे काम बंद हड़ताल करेंगे। उन्होंने सोमवार को अपनी मांगों से सबंधित ज्ञापन भी मंत्री तुलसी सिलावट और ऊषा ठाकुर को सौंपा।
मेडिकल टीचर्स एसो. के पदाधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा 22 नवंबर को केबिनेट में प्रशासकीय अधिकारियों की मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति को लेकर बिल लाया जा रहा है। इस बात के विरोध में प्रदेश के सभी 13 मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन मीटिंग रखी गई। इसमें सभी पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि इस गलत प्रक्रिया का मजबूती से विरोध होना चाहिए।
दरअसल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज मैनेजमेंट से जुड़े पद पहले से ही स्वीकृत हैं, जिन पर अभी तक नियुक्तियां नहीं की गई हैं। ऐसे में स्वीकृत पदों पर नियुक्तियां करने की बजाए जो मेडिकल से ताल्लुक नहीं रखते उनकी कॉलेजों में नियुक्तियां करना समझ से परे है। प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में 11 कॉलेज में प्रभारी डीन हैं, उन्हें स्वायत्तता नहीं है।
इन पर एक आईएएस (कमिश्रर) नियुक्त किया गया है, जो पदेन अध्यक्ष होता है। ऐसे में फिर स्वायत्ता कहां है? प्रभारी डीन होने के कारण उन्हें पूरे अधिकार नहीं हैं जिससे यह मिस मैनेजमेंट बना हुआ है। देश में जितनी भी प्रीमियम संस्थाएं हैं, उनमें कहीं भी आईएएस अधिकारी नहीं हैं।
इस मुद्दे को लेकर मेडिकल टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अरविंद घनघोरिया व सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को पत्र लिखकर इस गंभीर विषय पर एसोसिएशन को समय देने की बात कही है, ताकि मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत सभी प्रोफेसर्स व कर्मचारियों का पक्ष सुना जाए।