लाल बाग़ में आयोजित जनजातीय मेले में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।
इंदौर : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय समाज सरलता और प्रकृति से जुड़ा हुआ समाज है। आज समूची दुनियाँ जिस मोटे अनाज अर्थात श्री अन्न को अपना रही है, वह सदियों से हमारे जनजातीय समाज का भोज्य रहा है।
अपनी जड़ों और परंपराओं को न भूलें।
मुख्यमंत्री चौहान ने जन समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि हम अपनी जड़ों और परंपराओं को नहीं भूलें। ज़माने की चकाचौंध से जीवन मूल्यों को बचाने की ज़िम्मेदारी हमारी है। उन्होंने जनजातीय समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि धरती का बिछोना और आसमान की चादर ओढ़कर भी हमारे वनवासी बंधु उल्लास और आनंद का जीवन व्यतीत करते है। वहीं अपार धन-दौलत और भौतिक सुख सुविधाएँ होने के बावजूद शहरी जीवन में एक वर्ग को नींद की गोली खाकर सोना पड़ता है। यह विडंबनापूर्ण जीवन जनजातीय समाज के जीवन मूल्यों और प्रकृति से जुड़े रहकर सँवारा जा सकता है।
जैविक खेती से जुड़ा है जनजातीय समाज।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज लाखों हेक्टेयर में जो जैविक खेती होती है वो हमारा जनजातीय समाज ही करता है। बीज को बचाने का जतन भी हमारे जनजाति समाज के द्वारा हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने जनजाति समाज के भोजन, जड़ी-बूटी और अन्न के समृद्ध विविधता से शहरी नागरिकों को अवगत कराने के लिए जनजाति मेले के आयोजकों को बधाई दी।
गुड़िया वाले परमार दंपत्ति का किया सम्मान।
मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर झाबुआ की गुड़िया को प्रसिद्धि दिलाने वाले परमार दंपत्ति का मंच से सम्मान भी किया।
इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, कलसिंह भाँवर, मनोज पटेल, बलराम वर्मा, पुष्पेंद्र चौहान, गौरव रणदिवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।