इंदौर : सरकारी सिस्टम कितना भ्रष्ट और नकारा हो चुका है, इसका एक और उदाहरण सामने आया है। लोकायुक्त के छापे में देवास का खनिज अधिकारी करोड़ों का आसामी निकला। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त ने देवास के खनिज अधिकारी डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के तुलसी नगर, इंदौर स्थित आवास सहित देवास,पीथमपुर, उज्जैन के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान खनिज अधिकारी खतेड़िया की काली कमाई का चिट्ठा उजागर हुआ। पता चला कि वो खुद ही कई खदानों का मालिक हो गया है।
मोहन सिंह खनिज अधिकारी के पद पर जहां भी पदस्थ रहा वहां उसने अचल संपत्ति खरीद ली। कई जगह अपनी खदानें और प्लांट बनाए। उज्जैन, इंदौर और धार जिले में उसकी संपत्तियां मिली हैं। एक गिट्टी खदान की कीमत करीब 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। मोहन सिंह रेत की एक खदान भी चला रहा था। उसके घर से तीन लाख रुपए से ज्यादा कैश,सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं।
छापे में ये मिली संपत्ति।
एक मकान उज्जैन में और दो मकान इंदौर में।
एक प्लॉट इंदौर के नायता मुंडला में, सात ट्रक,कई लग्जरी गाड़ियां भी मिलीं।
इंदौर में महालक्ष्मी नगर में भाई के नाम से मकान!
गुजरात के दाहोद में पत्नी के नाम से प्लॉट।
एमएस कंस्ट्रक्शंस नाम से कंपनी।
पीथमपुर में रेडी मिक्स क्रेशर प्लांट।
5 बैंक खाते और एक बैंक लॉकर।
खनिज अधिकारी मोहन सिंह का वर्तमान वेतन करीब डेढ़ लाख रुपए है। वह इंदौर के अलावा धार, देवास और उज्जैन में पदस्थ रहा है। 1991 में निरीक्षक पद पर भर्ती हुआ था। 32 साल में उसने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली।
छापे में कई दस्तावेज मिले।
डॉ. मोहन सिंह खतेड़िया के ठिकानों पर छापे में कई दस्तावेज मिले हैं। उसकी संपत्तियां उज्जैन, इंदौर, धार जिले में हैं। इंदौर में लोकायुक्त की दो टीम, पीथमपुर में एक टीम और उज्जैन में एक टीम ने छापेमारी की। आनंद कुमार यादव, डीएसपी लोकायुक्त,इंदौर ने बताया कि
खनिज अधिकारी खतेड़िया के 5 बैंक खाते और एक बैंक लॉकर की भी जानकारी मिली है।