महिलाओं ने माँ सीता के जीवन पर आधारित लोकगीतों की प्रस्तुतियां दीं।
इंदौर : जनकनन्दिनी माँ सीता के प्राकट्य उत्स्व जानकी नवमी पर शहर के मैथिल समाज की सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की महिलाओं द्वारा बच्चों की सामाजिक संस्था को ग्रीष्म ऋतू के मद्देनज़र कूलर एवं मटकों का वितरण किया गया। संस्थान के बच्चों को जलपान भी कराया गया।
इस मौके पर समूह की महिलाओं द्वारा माँ सीता की पूजा अर्चना कर प्रभु श्रीराम और सीता के जीवन पर आधारित भजनों एवं लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी गई। इस अवसर पर समूह की सभी महिलाएं एक रंग की साडी में नजर आ रही थीं।
मैथिलानी समूह की ऋतू झा, शारदा झा, कविता झा, सुषमा झा, सोनी झा ने बताया कि वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम की अर्द्धांगिनी माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस प्राकट्य दिवस को सम्पूर्ण मिथिला में जानकी एवं सीता नवमी के नाम से मनाया जाता है। इसी दिन पुण्य नक्षत्र में जब मिथिला नरेश महाराज जनक, संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञभूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे। उसी समय पृथ्वी से एक बालिका प्रकट हुई। उस बालिका का नाम सीता रखा गया। उन्होंने कहा कि चूँकि माँ सीता को मैथिली के नाम से जाना जाता है, इसलिए मिथिला की महिलाएं उन्हें अपनी आराध्य देवी मानते हुए उनकी पूजा – अर्चना और आराधना करती हैं।