महाराष्ट्र समाज, राजेंद्र नगर और तरुण मंच का ग्रीष्मकालीन बाल संस्कार शिविर संपन्न।
इंदौर : भारतीय संस्कृति विशाल , पुरातन और महान है। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् अर्थात सारी पृथ्वी एक कुटुंब की तरह है की अवधारणा पर आधारित है। हमारी संस्कृति हमे सदैव औरों के लिए कुछ करना उन्हें कुछ देना सिखाती है। वर्तमान समय में हम जल जैसी अमृत तुल्य वस्तु का भी व्यापार कर रहें हैं जबकि हमारी संस्कृति में प्यासे को जल पिलाना बेहद पुण्य का कार्य माना जाता है । पालकों और परिवार के समस्त वरिष्ठ जनों का यह दायित्व है कि वे घर के छोटे बच्चों को भारतीय संस्कृति के मूल्यों से ना सिर्फ अवगत कराएं बल्कि उनका पालन करना भी सिखाएं।
ये विचार राष्ट्र सेविका समिति की नगर संपर्क प्रमुख रेणुका पिंगले ने महाराष्ट्र समाज और तरुण मंच द्वारा आयोजित 15 दिवसीय ग्रीष्म कालीन बाल संस्कार शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय पार्षद प्रशांत बडवे ने की। समापन समारोह का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया । इस दौरान बच्चों ने मंच पर सरस्वती वंदना की नृत्यमय प्रस्तुति दी, जिसे शिविर के दौरान ही सिखाया गया था। इसके बाद बच्चों ने मंच पर शिविर में सिखाई हुई कलात्मक गतिविधियों का प्रदर्शन उपस्थित दर्शकों के समक्ष किया।
सर्वप्रथम राम स्तुति और नर्मदाष्टक का सस्वर पाठ बच्चों ने किया।इसके बाद योगासन और सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया गया।कराटे, समूह नृत्य की प्रस्तुति भी बच्चो ने इस दौरान दी। शिविर में बच्चों को मूर्ति कला और वरली आर्ट भी सिखाया गया था। बच्चों द्वारा बनाई गई गणेशजी, मूषक की मूर्तियां, छोटे मटकों पर उकेरा गया वरली आर्ट, कागज की कलाकृतियां आदि प्रदर्शित की गई।
कार्यक्रम में शिविर के अनुभव बच्चों ने श्रोताओं के साथ साझा किए । पालकों के प्रतिनिधि के रूप में अरुण दलाल ने महाराष्ट्र समाज द्वारा विगत 17 वर्षों से चलाए जा रहे संस्कार शिविर की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह समाज अपने दायित्व का पालन कर रहा है उसी तरह पालक भी बच्चों के प्रति अपने उत्तरदायित्व का गंभीरता से पालन करें।
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा शिविर में प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षकों आदित्य जोशी,नेहा घोड़गांवकर, श्रद्धा वडनेरकर, संप्रति वाघमारे,वैशाली बिडवईकर, विनोद गोडबोले आदि का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चों के माता पिता और उनके दादा दादी , नाना नानी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शुभा देशपांडे ने किया।आभार अरुणिमा राजुरकर ने माना।