इंदौर : वामा साहित्य मंच ने दो पुस्तकों को लेकर चर्चा सत्र का आयोजन किया। विकास दवे लिखित ‘पिता के पत्र बिटिया के नाम’ और पंकज सुबीर लिखित ‘रुदादे सफर’ पर आयोजित इस चर्चा सत्र में अनेक सृजनकारों ने भाग लेकर इन पुस्तकों के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे।
विकास दवे की पुस्तक पिता के पत्र बिटिया के नाम पर संपन्न हुई चर्चा में वंदना शर्मा, भावना बर्वे, अमर चड्ढा, निरुपमा त्रिवेदी, डॉ. आरती दुबे, सरला मेहता, चेतना भाटी और उषा गुप्ता ने पुस्तक की विषय वस्तु, भाषा शैली, संदेश, भाव पक्ष आदि पहलुओं पर अपनी बात रखी। इसी तरह पंकज सुबीर की पुस्तक ‘रूदादे सफर’ पर गरिमा दुबे, किसलय पंचोली, वाणी अमित जोशी नुपुर प्रणय वागले ने अपने विचार व्यक्त करते हुए उसके कथानक, रिश्तों की परिपक्वता, मनोवैज्ञानिक प्रभाव आदि पहलुओं पर चर्चा की। डॉ. विकास दवे और पंकज सुबीर कार्यक्रम के अतिथि भी थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती वंदना गीता नामदेव ने पेश की।अतिथि स्वागत शांता पारेख, अनुपमा गुप्ता, निरुपमा नागर, मंजू मिश्रा, ज्योति जैन ने किया। स्वागत उद्बोधन इंदु पाराशर ने दिया।पद्मा राजेंद्र जैन ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। अतिथियों को स्मृति चिन्ह नीलम तोलानी, भावना दामले, पुष्पा दसोंधी, हंसा मेहता ने भेंट किए। अगले कार्यक्रम की जानकारी डॉ.शोभा प्रजापति ने दी। कार्यक्रम का संचालन प्रीति दुबे ने किया। आभार संगीता परमार ने माना।