इंदौर : सतना नगर पालिक निगम के पूर्व आयुक्त को रिश्वतखोरी के आरोप में अदालत ने 5 वर्ष के सश्रम कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा से दंडित किया है।
न्यायालय विशेष न्याययाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) सतना द्वारा यह फैसला सुनाया गया। आरोपी का नाम सुरेन्द्र कुमार कथूरिया पिता सत्यानारायण कथूरिया उम्र 46 वर्ष तत्कालीन नगर पालिक आयुक्त सतना निवासी भोपाल टॉकीज के पास जिला जॉजगीर चॉपा छत्तीसगढ बताया गया है। उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 में 04 वर्ष का का कारावास और 50,000 रूपये का अर्थदण्ड एवं धारा 13(1)(डी), 13(2) में 05 वर्ष का सश्रम कारावास वा 50 हजार रूपए के अर्थदण्ड सें दंडित किया गया। मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक /सहायक जिला अभियोजन अधिकारी फख्रूददीन द्वारा की गई ।
अभियोजन प्रवक्ता हरिकृष्ण त्रिपाठी ने बताया कि, दिनांक 20/06/17 को शिकायतकर्ता डॉक्टर राजकुमार अग्रवाल (सिटी हॉस्पिटल भरहुत नगर) द्वारा एक लिखित शिकायत सुरेन्द्र कथूरिया आयुक्त नगर पालिक निगम सतना द्वारा 50 लाख रूपए रिश्वत की मांग करने के सम्बध में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को प्रस्तुत किया था। शिकायत पत्र में यह लेख किया था कि भरहुत नगर स्थित सिटी हॉस्पिटल न गिराने के एवज में आरोपी सुरेन्द्र कुमार कथूरिया उससे 50 लाख रूपये की मांग कर रहा है। उक्त शिकायत पत्र को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त रीवा द्वारा डीएसपी देवेश पाठक को सत्यापन कार्रवाई हेतु आदेशित किया था। रिश्वत संबंधी गोपनीय बातचीत डिजिटल वाइस रिकार्डर में रिकार्ड होने पर एवं शिकायत सही पाए जाने पर लोकायुक्त टीम रीवा द्वारा दिनांक 26/06/2017 को तत्कालीन उपपुलिस अधीक्षक देवेश पाठक के अगुवाई में आरोपी सुरेंद्र कथूरिया को रिश्वत में देने के लिए फरियादी डॉ. राजकुमार अग्रवाल को 12 लाख रूपये एवं चॉंदी के तीन टुकडे जिस पर सोने का पानी चढा था (गोल्ड प्लेटेड सिल्वर) उस पर केमिकल लगा कर दिए। फरियादी ने जैसे सोने का पानी चढ़े चांदी के टुकड़े और कैमिकल लगे नोट आरोपी नगर पालिक आयुक्त कथूरिया को दिए, लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा। बाद में आरोपी के खिलाफ विशेष न्यायालय में चालान पेश किया गया। सुनवाई और साक्ष्यों पर गौर करने के बाद आरोपी को उक्त सजा और जुर्माने से दंडित किया गया।