इंदौर : 1837 में इमेज का फार्मूला बना। फ्रांस सरकार ने इस इमेज फार्मूले को खरीदकर अगस्त 1839 को इसे सार्वजनिक कर दिया। तभी से हम विश्व छायांकन दिवस मना रहे हैं। फोटोग्राफी कोई भी कर सकता है पर फ़ोटो जर्नलिस्ट होना अलग बात है। फ़ोटो खींचने से पहले जिस न्यूज़ को कवर कर रहे हैं, उसे ध्यान में रखें। एक इमेज हजार शब्दों को अभिव्यक्त करती है पर उन हजार शब्दों की इमेज पहले मन में बनानी पड़ती है तभी एक अच्छा फ़ोटो जर्नलिस्ट बना जा सकता है।
ये बात मुम्बई से आये ख्यात फ़ोटो जर्नलिस्ट और सिनेमेटोग्राफर विपिन गोजे ने कही। वे फ़ोटो जर्नलिस्ट एसोसिएशन, इंदौर द्वारा विश्व छायांकन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वर्कशॉप और सम्मान समारोह में बोल रहे थे। आरएनटी मार्ग स्थित अप्सरा रेस्टोरेंट में रखे गए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में फ़ोटो जर्नलिस्ट, जर्नलिस्ट और गणमान्य लोगों ने शिरकत की। विपिन गोजे ने कहा कि फ़ोटो जर्नलिझम का अस्तित्व कभी खत्म नहीं होगा पर बदलते दौर के साथ हमें भी नई तकनीक और पहलुओं को आत्मसात करना पड़ेगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएसपी प्रशांत चौबे ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सूचना क्रांति के दौर में मीडिया का दायरा व्यापक हो गया है। ऐसे में प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए अपने स्कील को बढ़ाने की जरूरत है। आके अच्छा फ़ोटो खोज और अनुसंधान में भी मददगार साबित होता है। एएसपी चौबे ने कहा कि अपने काम को ईश्वर की नौकरी समझकर अंजाम दें सफलता जरूर मिलेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पद्मश्री भालू मोंढे ने कहा कि फ़ोटो जर्नलिझम का महत्व सदैव बना रहेगा। उन्होंने कहा कि 1860 में इंदौर में फोटोग्राफी की परंपरा शुरू हो गई थी। श्री मोंढे ने हेरिटेज फोटोग्राफ्स को सहेजने पर जोर दिया।
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने एक अच्छे आयोजन के लिए फ़ोटो जर्नलिस्ट एसोसिएशन को बधाई दी।उन्होंने अखबारों से फ़ोटो जर्नलिस्ट के गायब होने पर चिंता जताई साथ ही फ़ोटो जर्नलिझम में आ रहे नए बदलावों से फ़ोटो जर्नलिस्ट को अवगत कराने के लिए इंदौर प्रेस क्लब की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल ने कहा कि इंदौर के फोटो जर्नलिस्ट ने देश- विदेश में शहर का नाम रोशन किया है। ऐसी कोई बड़ी प्रतिस्पर्धा नहीं है जिसमें इंदौर के फोटो जर्नलिस्ट ने पुरस्कार न जीते हों।
इंदौर प्रेस क्लब के महासचिव नवनीत शुक्ला ने कहा कि जर्नलिझम फ़ोटोग्राफी अखबारों का अहम हिस्सा है। उन्होंने स्कील डेवलपमेंट के लिए मदद का भरोसा दिया।
रिटायर्ड प्रिंसिपल एसएल गर्ग ने कहा कि उनका फोटोग्राफर बिरादरी से गहरा नाता रहा है। पर्यावरण और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी पर कोई काम करना चाहे तो वे मदद को तत्पर हैं। देश में कोई क्रांति ला सकता है तो वह फ़ोटो जर्नलिस्ट और जर्नलिस्ट हैं।
इस मौके पर शहर के वरिष्ठ फ़ोटो जर्नलिस्ट चंदू जैन और दिलीप लोकरे को फोटो जर्नलिस्ट एसोसिएशन की ओर से अतिथियों के हाथों शॉल – श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। श्री जैन और श्री लोकरे के परिजन भी इन आत्मीय पलों के साक्षी बने।
प्रारम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत भाषण विनय वर्मा ने दिया। अतिथियों का परिचय और पुष्पहारों से स्वागत फ़ोटो जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश डोंगरे, महासचिव राजू पवार, सचिव सोनू यादव, आशु पटेल, पिंटू नामदेव, सत्यजीत शिवनेकर, कैलाश मित्तल, मनीष व्यास, अभय तिवारी, राजू रायकवार, शरीफ कप्तान, एसएल गर्ग आदि ने किया।
कार्यक्रम का संचालन संजय लाहोटी ने किया। आभार राजू पंवार ने माना।
कभी खत्म नहीं होगा फ़ोटो जर्नलिझम का अस्तित्व – गोजे
Last Updated: August 18, 2019 " 12:06 pm"
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