बीजेपी नेतृत्व पर लगाया समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व अनदेखी का आरोप।
इंदौर : बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामने का सिलसिला थम नहीं रहा है। बीती 18 सितंबर को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने वाले राऊ क्षेत्र के कद्दावर नेता दिनेश मल्हार ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने का ऐलान कर दिया है। सिंधिया समर्थक प्रमोद टंडन पहले ही बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने की घोषणा कर चुके हैं। ये दोनों नेता शनिवार 23 सितंबर को पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के इंदौर आगमन पर उनके समक्ष कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। इसके पूर्व शुक्रवार को प्रेस वार्ता के जरिए दिनेश मल्हार ने बीजेपी नेतृत्व पर उनकी लगातार अनदेखी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए।
बीजेपी से किसी भी नेता ने संपर्क नहीं किया।
दिनेश मल्हार ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद पांच दिन तक इंतजार किया लेकिन सरकार व संगठन के किसी भी नेता ने उनसे संपर्क करने की जरूरत नहीं समझी। यहां तक की राऊ के बीजेपी प्रत्याशी ने भी उन्हें फोन तक नहीं किया। बीजेपी में काम करने वालों की कोई पूछ परख नहीं रह गई है।
हर बार उनकी दावेदारी को नकारा गया।
दिनेश मल्हार ने कहा कि उन्होंने सामान्य कार्यकर्ता के बतौर ग्रामीण क्षेत्र खासकर राऊ विधानसभा में बीजेपी को मजबूती देने और पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। बरसों से काम करने के बावजूद टिकट के लिए उनकी दावेदारी को नकारा गया। 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने राऊ विधानसभा से अपनी दावेदारी पेश की थी पर हर बार उनके साथ नाइंसाफी कर दूसरों को टिकट दे दिया गया।
भितरघात के झूठे आरोप लगाए।
मल्हार ने कहा कि पूर्ण समर्पण भाव से काम करने के बावजूद उनपर भितरघात के झूठे आरोप लगाए गए। उम्र,सर्वे और जिताऊ प्रत्याशी उतारने की बातें तो बहुत की गई पर राऊ सहित अन्य स्थानों से घोषित किए गए 39 प्रत्याशियों में अधिकांश वे हैं जो पिछला चुनाव हार चुके हैं। टिकट वितरण में कोई पैमाना अमल में नहीं लाया गया। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में राऊ विधानसभा से बीजेपी को 70 – 80 हजार वोटों की लीड मिलती रही है, फिर क्या वजह है कि विधानसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ता है..?
कमलनाथ के समक्ष ज्वाइन करेंगे कांग्रेस।
दिनेश मल्हार ने साफ किया कि वे 23 सितंबर को जीतू पटवारी के नेतृत्व में कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस ज्वाइन कर लेंगे। बीजेपी से उनका नाता अब टूट चुका है। वे राऊ से जीतू पटवारी को विजयी बनाने में जी जान लगा देंगे।