चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं थी पर पार्टी का आदेश सर्वोपरि: विजयवर्गीय

  
Last Updated:  September 27, 2023 " 07:54 pm"

इंदौर : विधानसभा क्रमांक1से भाजपा ने कैलाश विजयर्गीय को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मंगलवार को बड़ा गणपति पर मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, सच बताऊं तो चुनाव लड़ने की मेरी एक प्रतिशत भी इच्छा नहीं थी, अब अपन बड़े नेता हो गए हैं, हाथ जोड़ने कहां जाएंगे। प्लान भी बनाया था कि 5-7 सभाएं रोज करेंगे, पार्टी के लिए काम करेंगे चार हेलीकॉप्टर और तीन कार से, परंतु जो सोचते हैं वह हमेशा होता नहीं है। भगवान की इच्छा यही थी कि मैं एक नंबर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरूं तो यही सही,पार्टी का आदेश सर्वोपरि है।

विजयवर्गीय कोई चुनौती नहीं।

उधर संजय शुक्ला जो विधानसभा क्रमांक 1 से कांग्रेस विधायक हैं, ने मीडिया के सवाल के जवाब पर कहा कि कैलाश विजयवर्गीय मेरे लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है। मेरे क्षेत्र की जनता मेरी भगवान है। मुख्यमंत्री को भी मेरे सामने उतार दो तो मैं उन्हें भी चुनाव हरा दूंगा। मुझे लगता है इंदौर से तो अमित शाह और मोदी भी लड़ सकते हैं।

इस बीच विजयवर्गीय के करीबी साथी विधायक रमेश मेंदोला ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि संजय शुक्ला हमारे अच्छे दोस्त रहे हैं पर चुनाव में आमना- सामना हो यह जरूरी नहीं है। मुझे लगता है वह अपना टिकट बदलवाकर एक नंबर की जगह कहीं और से टिकट मांगेंगे।

बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कद राष्ट्रीय स्तर के नेता का है। हरियाणा और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में वे बीजेपी के प्रभारी रहे हैं। देशभर में वे दौरे कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम करते रहे हैं, ऐसे में उन्हें विधानसभा का चुनाव लड़वाना लोगों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी हैरत में डालने वाला है। हालांकि ये भी सही है की वे जमीनी नेता हैं। चुनावी रणनीति और जोड़ -तोड़ में उनका कोई सानी नहीं है।इंदौर 01 से उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने से दावेदारों में भले ही मायूसी हो पर कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। बड़ा गणपति पर जुटी भीड़ इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।

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