चटपटे-करारे चुनावी चटखारे
♦️कीर्ति राणा ♦️
चुनाव पहले इस दल से उस दल में कूदाफांदी करने वाले नेताओं पर सभी पार्टियां प्यार लुटाने के मामले में अत्यधिक उदार नजर आ रही हैं।2013 में तेंदुखेड़ा से भाजपा विधायक रहे संजय शर्मा ने 2018 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली, टिकट मिला जीत भी गए, 2023 में चुनाव हार गए।अब कांग्रेस उन्हें होशंगाबाद सीट से लड़ा रही है।
नीलम मिश्रा 2013 में भाजपा से विधायक थी। बाद में पति अभय मिश्रा सहित कांग्रेस में आ गई। पति तो सेमरिया से विधायक हैं।नीलम को कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ा रही है, उनका मुकाबला भाजपा के जनार्दन मिश्रा से है।
राहुल सिंह लोधी ने 2018 में दमोह विधानसभा से भाजपा के जयंत मलैया को हराया था।2020 में वो कांग्रेस छोड़ कर भाजपा के हो गए और उप चुनाव में कांग्रेस के अजय टंडन से हार गए।अब भाजपा ने उन्हें दमोह सीट से टिकट दिया है, मुकाबला कांग्रेस के पूर्व विधायक तरवर सिंह लोधी से है।
इन सब के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेना भी जरूरी है।2019 में वे गुना लोकसभा सीट से भाजपा के केपी यादव से हार गए थे। सिंधिया भाजपा में शामिल होकर कमलनाथ सरकार के पतन का कारण भी बन गए।पहले भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा, अब गुना सीट से उनका मुकाबला कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह से हैं।
सुमावली से 2013 में सत्यपाल सिकरवार भाजपा के विधायक बने। 2020 के उप चुनाव में उनके भाई सतीश सिकरवार ने कांग्रेस के टिकट पर ग्वालियर पूर्व से चुनाव लड़ा और सत्यपाल को भाजपा ने निष्कासित कर दिया। अब कांग्रेस ने सत्यपाल को मुरैना से भाजपा के शिवमंगल तोमर से मुकाबले के लिए उतार दिया है।
कुछ भी कह दो, मौसम चुनाव का है…!
शहडोल में आमसभा करने आए राहुल गांधी को बेवजह शहडोल में ही रात गुजारना पड़ी।कारण जानकर हेलीकॉप्टर के चालक पर हंसी आ सकती है।हेलीकॉप्टर में फ्यूल पर्याप्त नहीं है यह तब पता चला जब राहुल रवाना होने वाले थे।मौसम की खराबी के चलते भोपाल से फ्यूल नहीं आ सका, मजबूरी में राहुल गांधी को रात्रि विश्राम करना पड़ा। अब तक तो राहुल या अन्य कांग्रेस नेताओं ने फ्यूल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी या मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पर कोई आरोप नहीं लगाया है लेकिन क्या भरोसा चुनावी मौसम में सब संभव है, जैसे बस्तर की सभा में प्रधानमंत्री ने कह दिया कांग्रेसी मेरा सिर फोड़ना चाहते हैं।
प्रजापति की तो लॉटरी लग गई।
खजुराहो सीट से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन क्या निरस्त हुआ, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक पार्टी प्रत्याशी आरबी प्रजापति की तो लॉटरी लग गई।कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने अब प्रजापति को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इंडी गठबंधन प्रताशी प्रजापति अपनी पार्टी के शेर चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे।
बाप मप्र में करेगी नाक में दम।
कांग्रेस और बाप (भारत आदिवासी पार्टी) में राष्ट्रीय स्तर पर सीटों में बंटवारा नहीं होने का असर मप्र में भी पड़ेगा। बाप ने रतलाम, मंडला में प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। धार में भी प्रत्याशी पर मंथन चल रहा है।बाप ने कांग्रेस से रतलाम, दाहोद (गुजरात), बांसवाड़ा (राज) और महाराष्ट्र में एक सीट की मांग की थी। इन सीटों के लिए सहमति नहीं बन पाने के कारण बाप ने मप्र की तीन सीटों पर प्रत्याशी उतारने का निर्णय किया है।