🔹 नरेंद्र भाले 🔹
किसी शायर ने क्या खूब फरमाया है कि तूफान कर रहा है मेरे अज़्म (हौसला )का तवाफ( परिक्रमा )और दुनिया यह समझती है की कश्ती भंवर में है। यह बात मुंबई के पोलार्ड पर खरी उतरती है। उस टाई मैच में जो तूफान पोलार्ड ने उठाया था मानो उसका कहर किंग्स पर जारी रहा।कौटरेल ने विकेट मैडन के रूप में डिकॉक को चलता कर दिया वहीं सूर्य कुमार स्कोर बोर्ड को ज्यादा तकलीफ ना देते हुए शमी के सटीक थ्रो का शिकार बने। ईशान किशन शुरुआत से लय में नजर नहीं आए। उन्हें लांग आन पर विश्नोई ने जीवनदान दिया , फिर भी संभले नहीं और ठीक उसी स्थान पर करुण नायर को कैच दे बैठे।
दूसरे छोर पर रोहित शर्मा ने स्कोर बोर्ड को चलायमान रखा। अपना 38 वा अर्धशतक पूरा करने के पश्चात सीमा रेखा पर मैक्सवेल कथा निशम के उमदा रिले कैच का शिकार बन गए। उस समय लगभग 160 के आसपास का स्कोर लग रहा था।
इसके बाद जो भी कुछ हुआ वहां किसी परीकथा से कम नहीं था। पोलार्ड को हार्दिक का साथ मिला और गेंद जान बचाकर उड़ती भागती नजर आई। हार्दिक ने लगभग 300 तथा पोलार्ड ने ढाई सौ के ऊपर के स्ट्राइक रेट से निशम को फोड़ कर रख दिया। 15 से 20 ओवर के बीच मुंबई ने मात्र एक विकेट खोकर 104 रन ठोक दिए। स्कोर 190 पार गेंदबाजों पर मुस्कुरा रहा था। अपनी 70 रनों की पारी के दौरान रोहित ने 5000 रन पूरे कर लिए।
ऑरेंज कैप की होड़ में राहुल तथा मयंक ने तेज शुरुआत की तथा तीन ओवर में 33 रन जोड़ लिए। दोनों ही अब तक 220 के व्यक्तिगत रनों से आगे दौड़ रहे थे। अचानक बुमराह की अंदर आती गेंद मयंक के स्टंप ले गई जबकि करुण नायर खाता खोले बगैर कृणाल की गेंद पर स्टंप खो बैठे। राहुल के स्टंप उडा कर चाहर ने नारंगी टोपी मयंक के नाम कर दी। एक छोर पर निकोलस पूरन ने कुछ बेहद उम्दा शॉट्स खेले लेकिन 50 से पहले ही पैटिंसन का शिकार बन गए। आउट ऑफ फॉर्म मैक्सवेल भी प्रीति के डिंपल खिलाने में नाकाम रहे। उनके बाद निशम, सरफराज तथा बिश्नोई ने हार की औपचारिकता पूरी की। बोल्ट लय मे नहीं थे लेकिन बुमराह ,चाहर कुणाल ने अपने काम को सुखद अंजाम दिया। पैटिंसन दो शिकार करने में सफल रहे। मयंक नारंगी तथा शमी जामुनी टोपी पहनने में सफल रहे हैं लेकिन हार की टोपी पहनाने में मुंबई कामयाब रही। दुनिया की समझ को एक बार फिर भंवर से निकालने में पोलार्ड, हार्दिक कामयाब रहे।