घर – घर विराजे मंगलमूर्ति, पालकी में सवार होकर होलकर बाड़ा पहुंचे शाही गणपति बप्पा

  
Last Updated:  September 8, 2024 " 03:31 pm"

इंदौर : पार्वती नंदन भगवान श्री गणेश की स्थापना घरों, दफ्तरों, सार्वजनिक पांडालों के साथ शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थानों में भी की गई है। इसी के साथ होलकर रियासत काल की शाही गणेशोत्सव की परंपरा भी बदस्तूर निभाई जा रही है। बरसों पुरानी इस परंपरा का निर्वहन करते हुए पुणेरी पगड़ी वाली शाही गणेश प्रतिमा जूनी इंदौर स्थित खरगोनकर निवास से पालकी में विराजित कर बैंड – बाजे के साथ आड़ा बाजार स्थित होलकर बाड़ा में विधि विधान से स्थापित की गई। बता दें कि खरगोनकर परिवार द्वारा कई पीढ़ियों से शाही गणपति की मूर्ति को आकार दिया जा रहा है। मूर्ति का साइज, वेशभूषा, पगड़ी वही रखी जाती है जो परंपरा से चली आ रही है। इसमें कभी कोई बदलाव नहीं किया जाता।

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