इंदौर : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के स्कूल ऑफ डेटा साइंस के एचओडी डॉ. विजय बाबू गुप्ता की शनिवार को स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। यह इस वर्ष स्वाइन फ्लू से होने वाली पहली मौत है। उनका बीते सात दिनों से निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके साथ पत्नी और बेटी भी संक्रमित थीं, जिन्हें दो दिन पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया। अभी वे आइसोलेट हैं। बता दें कि 23-24 अगस्त को विश्वविद्यालय में हुई दो दिवसीय बिजनेस इंटेलिजेंस, कम्प्यूटेशनल गणित और डेटा एनालिटिक्स पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मैक्सिको से आए प्रोफेसर से हुई मुलाकात के बाद से ही वह बीमार हो गए थे।
मैक्सिको से आए प्रोफेसर से ही स्वाइन फ्लू का वायरस फैलने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि वह करीब तीन दिनों तक उनके साथ पूरे समय रहे थे। डॉक्टरों के मुताबिक प्रो .गुप्ता को स्वाइन फ्लू के साथ ही स्लीप एपनिया और हाइपरटेंशन सहित अन्य बीमारियां भी थीं। उनका अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में उपचार चल रहा था।
तीन दिन तक रहे वेंटिलेटर पर ।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को डॉ. गुप्ता को सर्दी, खांसी के साथ तेज बुखार था। इसके चलते उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जांच में वो स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए थे। तबीयत बिगड़ने के कारण पिछले तीन दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
बता दें कि जनवरी से अब तक इंदौर में कुल 13 पाजिटिव मामले पाए गए हैं। तीन मरीज एक्टिव हैं, जिनका उपचार चल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी को सर्दी और तेज बुखार जैसी शिकायतें हों तो उन्हें तुरंत इलाज लेना चाहिए। स्वाइन फ्लू को एच1एन1 इन्फ्लुएंजा वायरस के रूप में भी जाना जाता है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए नियमित रूप से फ्लू का टीका लगवाना चाहिए ।
स्वाइन फ्लू के लक्षण ।
बुखार और ठंड लगना।
खांसी और गले में खराश।
नाक बहना या बंद होना।
सिर और मांसपेशियों में दर्द।
थकान और कमजोरी।
उल्टी-दस्त लगना।
स्वाइन फ्लू के कारण
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह वायरस फैलता है।
संक्रमित सतहों को छूना और फिर मुंह, नाक या आंखों को छूना।
भीड़-भाड़ वाले स्थानों में रहना, जहां वायरस का फैलाव हो।