राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तमाम दिग्गज हस्तियों ने स्व. रतन टाटा को अर्पित किए श्रद्धासुमन।
मुंबई : टाटा समूह की कंपनियों को देश ही नहीं दुनिया के मानचित्र पर स्थापित करने वाले भारतीय उद्योग जगत के महानायक रत्न टाटा का गुरुवार को वर्ली स्थित पारसी शमशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गुजरात के सीएम भूपेन्द्र पटेल और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई राजनेता, उद्योगपति, कारोबारी, समाजसेवी, बॉलीवुड कलाकार, खिलाड़ी, धर्माचार्य और बड़ी तादाद में गणमान्य नागरिकों ने मौजूद रहकर स्व. रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके पूर्व स्व. रतन टाटा की पार्थिव देह मुंबई में उनके कुलाबा स्थित निवास पर तिरंगे में लपेटकर अंतिम दर्शनार्थ रखी गई। वहां भी दिग्गज हस्तियों का श्रद्धासुमन अर्पित करने हेतु तांता लगा रहा। भारतरत्न सचिन तेंडुलकर, एनसीपी नेता शरद पवार, शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे, एमएनएस नेता राज ठाकरे, आमिर खान सहित कई गणमान्य लोगों ने स्व. रतन टाटा की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। दोपहर बाद स्व. रतन टाटा की अंतिम यात्रा निवास स्थान से निकलकर वरली स्थित पारसी शमशान भूमि पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। देश के अग्रणी उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देश भर में शोक व्याप्त हो गया। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित हर क्षेत्र की दिग्गज हस्तियों ने स्व.रतन टाटा के देश और समाज के प्रति योगदान को अतुलनीय बताते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने रतन टाटा निधन पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि- ” भारत ने एक ऐसे आइकन को खो दिया है, जिन्होंने कॉर्पोरेट विकास को राष्ट्र निर्माण और उत्कृष्टता को नैतिकता के साथ जोड़ा। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, उन्होंने टाटा की महान विरासत को आगे बढ़ाया। इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति दी। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने लिखा, “मेरे मन में श्री रतन टाटा जी के साथ हुई अनेक मुलाकातों की यादें ताज़ा हैं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हम अक्सर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते थे। उनकी विचारधारा हमेशा गहन और समृद्ध होती थी। ये संवाद दिल्ली आने के बाद भी जारी रहे। उनके निधन से अत्यंत दुःखी हूँ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति”
रतन टाटा के निधन पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा- वो सादगी और विनम्रता के प्रतीक थे। उनकी सोच बहुत अच्छी थी।वो सबको कहते थे कि अगर उद्योग लगाना है या व्यापार करना है तो सबसे पहले राष्ट्रहित होना चाहिए।
उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर अमित शाह ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की। शाह ने कहा ‘रतन टाटा ने निस्वार्थ भाव से देश के विकास में योगदान दिया। उनके निधन से गहरा दुख हुआ। वो हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। टाटा समूह और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं’।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रतन टाटा भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण के साथ गहराई से जुड़े थे। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की दिग्गज हस्ती रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है।
रतन टाटा के निधन पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे।उन्होंने व्यापार, परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी।उनके परिवार और टाटा समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं।
उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने शोक जताते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की।उन्होंने कहा कि रतन टाटा के साथ मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की। उनका दृष्टिकोण सुनना प्रेरणादायक था।वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं। उनके प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।
योगी आदित्यनाथ ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “भारत के प्रख्यात उद्योगपति, ‘पद्म विभूषण’ श्री रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुःखद है। वह भारतीय उद्योग जगत के महानायक थे।उनका जाना उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका सम्पूर्ण जीवन देश के औद्योगिक और सामाजिक विकास को समर्पित था।वे सच्चे अर्थों में देश के रत्न थे।”।
इसके अलावा कॉरपोरेट जगत, खेल, शिक्षा, बॉलीवुड, संगीत, चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने भी स्व.रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें देश का सच्चा सपूत बताया। उद्योग जगत के महानायक रतन टाटा का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने न सिर्फ टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक अधिग्रहण किए। यही नहीं समाज कल्याण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2008 में भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, प्रदान किया था।वह 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रिटायर हुए थे। रतन टाटा की उल्लेखनीय यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने साल 1991 में ऑटोमोबाइल से लेकर स्टील तक के विभिन्न उद्योगों में फैले टाटा समूह की बागडोर संभाली। साल 1996 में उन्होंने टाटा टेली-सर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध करवाया, जो कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी विरासत हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।