हरि ॐ योग केंद्र द्वारा BEYOND THE MEDICINE व्याख्यान श्रृंखला आरंभ।
इंदौर : स्वाध्याय योग विधा में नियम के अंतर्गत एक हिस्सा है, जिसका अर्थ अच्छा पठन पाठन माना जाता है, जबकि वास्तविकता में मनुष्य स्वयं को पढ़ता नहीं और कभी पढ़ना भी नहीं चाहता। प्रत्येक मनुष्य के कम से कम 20 अलग – अलग अवसरनुसार व्यक्तित्व होते है।मध्यम मार्ग पर चलते हुए,अच्छे विचारों के साथ मुस्कुराते हुए, स्वस्थ आहार के साथ प्रकृति को निहारना, काम के साथ अपने शौक पूरे करना, नियमित दिनचर्या, प्रतिदिन व्यायाम, सूर्य से बातचीत जैसी गतिविधियां स्वाध्याय का माध्यम हैं।अपने कार्य को संपूर्ण पुरुषार्थ के साथ करना, पर्याप्त विश्राम, मेडिटेशन और कार्य में विविधता मनुष्य को सफलता के सोपान पर ले जाती है।
ये विचार प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रकाश छजलानी ने हरि ॐ योग केंद्र चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बियोंड दी मेडिसिन श्रृंखला के पहले व्याख्यान में व्यक्त किए।
स्वागत भाषण संयोजक डॉ. संजय लोंढे ने दिया, स्वागत डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. आलोक द्विवेदी और डॉ. कमलेश गर्ग ने किया। संचालन कपिल जोशी ने किया।
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