वैंकटेश देवस्थान में सजाया गया मनोहारी पुष्प बंगला, दर्शनों के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता

  
Last Updated:  July 1, 2022 " 03:52 am"

देश की  तीसरी सबसे बड़ी परम्परागत गौरवशाली  रथयात्रा 1जुलाई को श्रीलक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान से निकलेगी।

इंदौर : पावन सिद्ध धाम श्री लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में चल रहे श्रीब्रम्होत्सव एवं रथयात्रा महोत्सव में गुरुवार को छठे दिन दिव्य पुष्प बंगला सजाया गया। दक्षिण भारतीय पद्धति पर आधारित राजमहल में राजाधिराज के स्वरूप में प्रभु वैंकटेश के मनोहारी दर्शन श्रद्धालुओं को हुए।

ब्रह्मोत्सव समिति के बालकिशन सिंगी, हर्ष पसारी, संदीप ढोली,आशीष लड्डा, सुमित मालू,राम सोमानी,गोविंद झवर रितेश तोतला, रामेश्वर सोमानी, ने बताया कि 500 किलो मोगरा,300 किलो गुलाब,150 जूही,150 चंपा,150 सेवंती
300 रजनीगंधा और अनेक प्रकार के पुष्पों से बने छत्र और उनके ऊपर केले के तने से शोभित कलाकृतियां, रजनीगंधा ओर गुलाब के की हजारों पुष्पों की झुमकियों के साथ संगमरमर के फर्श पर पुष्पों की आकृतियां से निर्मित 45×30×20 के आयरन स्ट्रक्चर पर बने राजमहल में प्रभु वैंकटेश जी ने भक्तों को दर्शन दिए।
भगवान के साथ भक्तों का भी पुष्पों से बनी गुफा में स्वागत किया गया।चारों ओर फूलों के बड़े बड़े कंठे भी लगाए गए थे जो भीनी भीनी खुशबू बिखेर रहे थे।
4 led लगाई गई थी जिन में भक्तों को दर्शन हो रहे थे।

पिछले6 माह से चल रही थी प्लानिंग।

20 दिनों की तैयारी, 7 दिनों की मेहनत और 3 रात में इंदौर व वृंदावन के 50 लोगों की टीम ने टेक्नोलॉजी ओर स्थापत्य कला के अदभूत सामंजस्य द्वारा पुष्प बंगले का निर्माण किया।

भव्य सजेधजे सिंहासन पर 
श्री मद्जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री नागोरियापिठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज विराजमान होकर सभी भक्तों को आर्शीवाद प्रदान कर रहे थे। हर भक्त भगवान और गुरुदेव से मिलने को आतुर नजर आ रहा था।

भजन गायक राजेश सांखला सुमधुर भजन पेश कर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर रहे थे।

इसके पूर्व प्रातः सत्र में प्रणय कलह लीला का आयोजन हुआ जिसमें भगवान रंगनाथ और श्रीदेवी भूदेवी संग प्रेम और कलह की लीला के दर्शन भक्तों को हुए। इस दौरान रंग, गुलाल अबीर भी उड़ाया गया और प्रभु के प्रेम रस में भक्त रंग गए ।

रथयात्रा 1 जुलाई को निकलेगी। 

रथ यात्रा समिति के पंकज तोतला, पवन व्यास,अंकित सोनी,गिरीश जाखेटिया ने वताया कि कई वर्षों से रथयात्रा अपने भव्य रूप में निकलती आयी है हर वर्ष दूज को निकलने वाली रथयात्रा का स्वरूप भव्य होता है। इस वर्ष भी रथयात्रा अपने पूर्ण स्वरूप में निकलेगी।

पावनसिद्ध धाम श्री लक्ष्मी – वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग रथयात्रा शुक्रवार 1 जुलाई को सायंकाल 4 बजे निकलेगी। इस रथयात्रा में भक्तों का सैलाब प्रभु के दिव्य दर्शन करने उमड़ेगा।
भगवन वेंकटेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए शहर में पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

ये होगा रथयात्रा मार्ग।

रथयात्रा छत्रीबाग से प्रारंभ होकर नरसिंह बाज़ार , सीतलामाता बाज़ार , गोराकुण्ड चौराहा , शक्कर बाज़ार , बड़ा सराफा , पीपली बाज़ार , बर्तन बाज़ार , बजाजखाना, साठा बाजार से होते हुए पुनः मदिर पर आकर समाप्त होगी। मार्ग में करीब 300 स्थानों पर मंच लगाकर रथयात्रा का स्वागत पुष्प वर्षा से किया जाएगा। अनेक जगह प्रसाद का वितरण भी होगा।इस यात्रा में 200 कार्यकर्ता वाकी टाकी के साथ वाट्सअप पर व ग्रीन-रेड लाइट लगातार जानकारी अपडेट कर व्यवस्था को संभालेंगे।

रथयात्रा के ख़ास आकर्षण।

यात्रा में स्वछता, बेटी बचाओ के सन्देश व पर्यावरण, गौ सेवा पर आधारित झाकी शामिल रहेगी।

मुम्बई का बैंड देगा प्रस्तुति।

मुंबई से आए 80 लड़के लड़कियों के समूह का बैंड पूरे मार्ग पर 6 – 7 घंटे तक विशेष प्रस्तुति देगा।

रामानुज स्वामी द्वारा दिए गए संदेशो की दिखेगी झलक।

रथयात्रा में रामानुज स्वामीजी की झांकियां, भक्तों को रामानुज संप्रदाय के सिद्धान्त और उनके द्वारा किए कार्यो से रूबरू कराएगी।
विशेष रूप लिक्विटी ऑफ स्टैच्यू हैदराबाद ज़ह रामानुज स्वामीजी के बड़े विग्रह का निर्माण हुआ है जिसका अनावरण हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था, उसी पर आधारित लाइव झांकी के दर्शन होंगे।
रथयात्रा में शहर के प्रसिद्ध बैंड बाजो के साथ ही 21 घोड़ो पर भगवा धार्मिक ध्वज पताका लिए युवा संवार होंगे। साथ ही बच्चो को विभिन स्वरूपो में तैयार कर बग्गी  में बिठाया जाएगा।
इसके पीछे रजत  के ठाकुरजी की सवारी के वाहन के रूप में गरुड़ वाहन , हनुमान वाहन , अश्व वाहन , गज वाहन , मंगलगिरी होंगे इन वाहनों पर ठाकुरजी के चित्र विराजित रहेंगे।
21 बग्गियों में देश भर से दिव्य देशो से पधारे संतगण आसीन रहेंगे। द्वारका मंत्री की भजन मंडली भक्तों के सैलाब के साथ भजनों की रस गंगा प्रवाहित करेगी। श्रीमद्जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री नागोरियापिठाधिपति स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज भक्तों को आशीर्वाद देते रथयात्रा मार्ग में पेदल चलेंगे।
दिव्य चांदी के रथ जिस पर प्रभु वेंकटेश विरजमान होकर निकलेंगे, को सभी भक्त अपने हाथों से खीचेंगे। उसके आगे अनेक महिलाए ओर दंपति झाड़ू लगाते चलेंगे।
प्रभु वेंकटेश के आगमन के  लिए भक्त महिलाएं केशरिया नव परिधान पहनकर सड़कों पर गुलाब जल डाल कर उन्हें धोते हुए चलेंगी।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *