इंदौर: साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए बयान ने एक बार फिर बीजेपी को संकट में डाल दिया है। बयान पर मचे बवाल के बाद बीजेपी ने प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया।
ये कहा था साध्वी प्रज्ञा ने…
देवास लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र सोलंकी के समर्थन में साध्वी प्रज्ञा रोड शो करने पहुंची थी। उनसे मीडियाकर्मियों ने कमल हासन के नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला हिन्दू आतंकवादी होने के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी। इसपर साध्वी प्रज्ञा का कहना था कि ” नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरहबान में झांकना चाहिए। इसका जवाब उन्हें चुनाव में दे दिया जाएगा ”
बयान पर कांग्रेस और विपक्षी दल हुए हमलावर।
लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के ठीक पहले साध्वी प्रज्ञा के इस बयान से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को मानों मुहमांगी मुराद मिल गई। उन्होंने प्रज्ञा के बयान को लपकने में देर नहीं लगाई और इसे बीजेपी का असली चरित्र बताते हुए उसपर हमला बोल दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने साध्वी प्रज्ञा के बयान को लेकर कहा कि इससे साफ हो गया है कि बीजेपी गोडसे की विचारधारा वाली पार्टी है। इंदौर प्रेस क्लब में पधारे मप्र के जनसपंर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना था कि साध्वी प्रज्ञा का बयान बीजेपी का सोचा- समझा षड्यंत्र है। इसके जरिये वे चुनाव में लाभ उठाना चाहते हैं। शहीद उन्होंने इस मामले में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से माफी की भी मांग की।
बीजेपी ने बयान से किया किनारा।
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर मचे बवाल के बाद बीजेपी बैकफुट पर आ गई। उसने अधिकृत रूप से बयान जारी कर साध्वी प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया। पार्टी ने साध्वी प्रज्ञा से अपना बयान वापस लेने और माफी मांगने को कहा है।
आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान से भी बीजेपी की भारी किरकिरी हुई थी। साध्वी प्रज्ञा को पार्टी के कहने पर अपना बयान वापस लेने के साथ माफी भी मांगनी पड़ी थी।