27 फरवरी और 04 मार्च को होगा कचरे के निष्पादन का ट्रायल रन।
जबलपुर : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटान के ट्रायल रन की मंजूरी दे दी है। इसके तहत 30 मीट्रिक टन कचरा जलाने के लिए तीन ट्रायल रन किए जाएंगे। पहले चरण में 135 किलो वेस्ट प्रति घंटा, दूसरे में 180 किलो और तीसरे चरण में 270 किलो कचरा प्रति घंटा नष्ट किया जाएगा।
मंगलवार को मामले पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच के सामने सुनवाई हुई। इसमें राज्य सरकार को ट्रायल रन का पहला चरण 27 फरवरी और दूसरा चरण 4 मार्च को करने को कहा गया है। तीनों चरणों की रिपोर्ट को सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के सामने रखा जाएगा। इसके बाद कंपाइल रिपोर्ट 27 मार्च को हाईकोर्ट के सामने पेश की जाएगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश सरकार ने पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के निपटान के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा था। ये मंगलवार को खत्म हो गया लेकिन अभी तक सीलबंद कंटेनर खाली नहीं किए जा सके हैं।
सरकार ने पेश की कम्प्लायंस रिपोर्ट।
महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने यूनियन कार्बाइड कचरे के विनिष्टीकरण के लिए अपनी कम्प्लायंस रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी है। इस पर कोर्ट ने कचरे के निपटान के ट्रायल रन की मंजूरी दे दी है।
वहीं, पीथमपुर में कचरा निष्पादन के विरोध में याचिका लगाने वाले संदीप रघुवंशी ने कहा- पीथमपुर पहले से ही दूषित है। भूजल पीने योग्य नहीं है, वायु प्रदूषण भी उच्च स्तर पर है। हमने हाईकोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई है। जहां से स्टे मिलने की पूरी उम्मीद है।
सरकार ने माना था-मिस लीडिंग से हालात बिगड़े।
इससे पहले 6 जनवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट में सरकार ने कहा था- पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के खिलाफ विरोध और प्रदर्शन के हालात मिस लीडिंग से बने। सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया था- 3 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जहरीले कचरे को हटाने के लिए चार हफ्ते की समय सीमा तय की थी।
सरकार को चेतावनी भी दी थी कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी इसलिए हमें 6 सप्ताह का समय दिया जाए। इस तर्क को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 18 फरवरी तय की थी।