डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर की इसमें है अहम भूमिका : डॉ. सालगिया।
माधव सृष्टि में विश्व किडनी दिवस पर संपन्न हुआ कार्यक्रम।
माधव सृष्टि में बीते 04 वर्षों में हुए 21 हजार 640 डायलिसिस।
इंदौर : कई लोग सामान्य दिखते हुए भी गंभीर बीमारी लिए चलते है, इसलिए नियमित जांच, नियमित व्यायाम, संतुलित भोजन, पर्याप्त विश्राम को जीवन में समय देना चाहिए। 40 वर्ष बाद वर्ष में दो बार रक्तचाप, यूरिन टेस्ट, शुगर टेस्ट करवाना चाहिए। जल की मात्रा, आहार में प्रोटीन, संक्रमण, जीवन के नियमित कार्यों से संबंधित पेशेंट्स के मन में कई भ्रांतियां होती है, जिससे वे कुपोषण का शिकार होते हैं। बच्चों में भी मॉडर्न डाइट, केमिकल युक्त बाजारू आहार, किडनी समस्या बढ़ा रहे हैं।
ये विचार वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सालगिया ने माधव सृष्टि में विश्व किडनी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अधिक दवाइयों के सेवन से अन्य अंगों के साथ किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है।
विशेष अतिथि नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. ईशा तिवारी ने विश्व किडनी दिवस की भूमिका बताते हुए, किडनी की कल्पना घर की गृहिणी से की और उसे शरीर की धुरी निरूपित किया।विशेष अतिथि सिंबायोटेक की डायरेक्टर श्रीमती कशिश सतवानी ने किडनी पेशेंट के इलाज में पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर माधव सृष्टि डायलिसिस विभाग से जुड़े 75 पेशेंट्स ने स्टाफ का अभिनंदन किया। स्वागत उद्बोधन गुरुजी सेवा न्यास के अध्यक्ष मुकेश हजेला ने दिया। अतिथि स्वागत माधव मोटवानी, सुनील अग्रवाल, अंकित गौर, पूनम शिवहरे, प्रमिला अग्रवाल ने किया। संचालन दीपक शर्मा ने किया। आभार डॉ.संजय लोंढे ने माना।