इंदौर : “एआई पॉवर्ड टूल और एप्स मनचाहे विषय पर लेखन कर सकते हैं। आपने जो कुछ लिखा है, उसकी ग़लतियों को सुधार सकते हैं। यहाँ तक कि वे आपके उच्चारण दोषों को दूर करने मदद कर सकते हैं, बर्शते आपको उनका उपयोग करना आता हो”।
“वॉयस एज ए करियर” वर्कशॉप के दूसरे दिन प्रतिभागियों को यह जानकारी प्रख्यात वायस ओवर आर्टिस्ट हरीश भिमानी ने दी। उन्होंने कहा, ‘आप जैसा बोलते हैं, विषय के बारे में कहते हैं, एआई संचालित एप्स आपके लिये वैसा ही काम करते हैं। अगर आप जल्दी-जल्दी कहेंगे, शब्द का सही उच्चारण नहीं करेंगे तो स्पीच टू टेक्स्ट के एप्स आपका मैटर सही तरीके से टाइप ही नहीं कर सकेंगे। सटीक जानकारी के लिये सटीकता से उपयोग करना भी आना चाहिये’।
हरीश भिमानी की बातों का कार्यशाला में असर भी नजर आया। एक प्रतिभागी ने चैट जीपीटी से लिखवाई गई कविता का वाचन उनके समक्ष ऑडिशन टेस्ट की तरह प्रस्तुत किया। इस टेस्ट के दौरान प्रेमचंद की रचनाएं भी पढ़ी गईं। आकाशवाणी इंदौर के सेवानिवृत और मशहूर वॉयस एकटर संतोष जोशी के एक रिकॉर्डेड वॉयस ओवर को भी प्ले किया गया। हरीश भिमानी ने शकील अख़्तर के एक गीत, ‘चलने का नाम था ज़िदंगी और हम चलते रहे’ का पाठ किया। उन्होंने हरेक रचना पाठ के विषय में विस्तार से अपनी टिप्पणी भी दी। उन्होंने पढ़ते वक्त आवाज़ की गति, ठहराव, अभिव्यक्ति आदि के बारे में उपयोगी जानकारी दी। उन्होंने जावेद अख़्तर के कविता संग्रह ‘तरकश’ की प्रस्तावना को बेहद रोचक ढंग से पढ़कर बताया। उन्होंने वॉयस वर्कशॉप के आयोजन के लिए स्टेट प्रेस क्लब सराहना की।
60 से अधिक प्रतिभागी हुए शामिल।
17 और 18 अप्रैल को आयोजित हुए इस नि:शुल्क वर्कशॉप में 60 से अधिक प्रतिभागियों में हिस्सा लिया। इनमें रंगमंच के कलाकारों से लेकर आकाशवाणी, दूरदर्शन, पॉडकास्ट, स्टेज एकंरिंग में काम करने वाले वॉयस आर्टिस्ट भी शामिल थे। वर्कशॉप के समापन पर सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी प्रदान किये गये।
हरीश भिमानी और वर्कशॉप कोऑर्डिनेटर शकील अख़्तर का स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, आकाशवाणी के पूर्व प्रॉड्यूसर और वॉयस एक्टर संतोष जोशी, दीपक माहेश्वरी, आलोक बाजपेयी, पुष्कर सोनी द्वारा सम्मान किया गया। श्री भिमानी को स्मृति चिन्ह और ‘कला स्तंभ’ की तरफ से भारती साहू ने एक स्कैच भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन आलोक वाजपेयी ने किया। आभार स्टेट प्रेस क्लब के ही पत्रकार साथी यशवर्धन सिंह ने माना।