इंदौर : कोरोना ने एक फिर देश और दुनिया में पैर पसारना शुरू कर दिया है। भारत में कोरोना प्रभावित मरीजों की संख्या जनवरी से अभी तक 06 हजार से ऊपर पहुंच गई है। 61 लोगों की मौत भी कोरोना से हुई है। मप्र में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर ग्वालियर, भोपाल व इंदौर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अभी तक 60 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। ग्वालियर में तीन डॉक्टरों में भी कोरोना संक्रमण पाया गया। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमने एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रमुख वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. वीपी पांडे से चर्चा की।
डॉ.पांडे ने बताया कोरोना का वायरस हर साल रूप बदल – बदल कर आता है और आता रहेगा। इससे डरने या घबराने की नहीं, सजग और सचेत रहने की जरूरत है। इससमय कोविड का जो संक्रमण फैल रहा है, वह इसके ओमिक्रोन वेरिएंट का जीएन.1 या एलपी. बी.1 स्वरूप है। यह उसतरह से घातक नहीं है जिस तरह से 2021-022 में फैला कोरोना का संक्रमण था।उन्होंने कहा कि संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा दिखने का कारण, कोरोना की जांच हर जगह सहजता से उपलब्ध होना है। डॉ. पांडे ने कहा कि इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। इसके संक्रमण से सर्दी – जुकाम, सरदर्द, बदन दर्द, थकान आंखों का लाल होना आदि लक्षण पाए जाते हैं। तीन से पांच दिन में ही मरीज ठीक हो जाता है। हां लोगों को जागरूक रहते हुए संक्रमण न हो इसके उपाय जरूर करना चाहिए। मास्क पहनें, भीड़ – भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। अपने हाथ साबुन से धोएं। अगर किसी तरह के सर्दी – जुकाम और अन्य लक्षण नजर आते हैं तो खुद को आइसोलेट करें। खासकर बुजुर्ग, डायबिटीज , फेफड़े या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को इसका ज्यादा ऐहतियात बरतने की जरूरत है।अगर फ्लू का संक्रमण गंभीर प्रतीत हो तो डॉक्टर को दिखाएं और समुचित उपचार कराएं।