इंदौर : महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.अरविंद घनघोरिया प्रति सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबंधित एम वाय अस्पताल की ओ.पी.डी में सर्जरी के मरीजों का परीक्षण कर उनकी परेशानियों का जायजा लेते हैं। इसी कड़ी में एक मरीज के परीक्षण के बाद डॉ. घनघोरिया ने जटिल एंडोस्कोपिक थायराडेक्टमी सर्जरी कर उसकी जान बचा ली।
दरअसल, पैतालीस वर्षीय ओमप्रकाश नामक मरीज गले में बाई तरफ गठान के साथ ओपीडी में उनके पास आया। लक्षणों में थकान, बिना कारण वजन कम होना, बुखार और रात को पसीना आ रहा था। इसी के साथ निगलने में कठिनाई, सीने में दर्द ,पेट में भारीपन या फूलना महसुस हो रहा था। जांच के बाद थायराइड ग्रंथि में अत्यधिक सूजन होना पाई गई।
डीन डॉ. घनघोरिया ने मरीज की जांच करने पर पाया की मरीज का वजन घट रहा है , दिल की धड़कन बढ़ने के साथ चिंता और घबराहट, हाथों का कांपना, पसीना आना, गर्मी के प्रति संवेदनशीलता, नींद न आना और गर्दन की गठान बड़ी होने से उसे सांस लेने और निगलने में कठिनाई पैदा हो रही थी।
डीन डॉक्टर घनघोरिया ने तुरंत मरीज को वार्ड मे भर्ती कर जरुरी जांच के बाद उसका ऑपरेशन कर स्वर रज्जु, पैराथायरायड ग्रंथियों व रक्तस्राव को बचाते हुए थायराइड का रिमूवल कर मरीज की जान बचा ली।
डीन डॉ. घनघोरिया ने बताया कि ऑपरेशन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था क्योंकि थायरॉइड ग्रंथि के पास स्वर रज्जु चिपकी हुई थी जिससे आवाज जाने का खतरा कई गुना बढ़ गया था। रक्तस्राव भी होने का खतरा था लेकिन ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि यह बहुत महगा आपरेशन है पर एमवाय अस्पताल मे बहुत ही कम खर्चो पर आसानी से हो जाता है l
डीन डॉ घनगोरिया ने कहा कि हमें एमवाय अस्पताल को प्रदेश का अव्वल एवं देश में सबसे बेहतरीन अस्पताल बनाना है।हम इसी लक्ष्य को पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
इस आपरेशन मे डीन डॉ. घनघोरिया के साथ डॉ. नवीन गुप्ता,डॉ. कबीर ,डॉ. आशीष,टेक्नीशियन रवींद्र पाटीदार एवं अन्य सदस्यों का भी अहम योगदान रहा ।