05 हजार श्रद्धालु कर रहें यात्रा में शिरकत।
महेश्वर से नर्मदा का जल कावड़ में लेकर 180 किमी की पदयात्रा करते हुए उज्जैन पहुंचेंगे कावड़ यात्री।
21 जुलाई को बाबा महाकाल के जलाभिषेक के साथ होगा कावड़ यात्रा का समापन।
इंदौर : रविवार को मरीमाता चौराहा पर पुष्प वर्षा, शंख ध्वनि, बोल बम के उदघोष और भोले बाबा की भक्ति से ओतप्रोत गीतों एवं भजनों की गूंज के बीच मालवांचल की सबसे बड़ी बाणेश्वरी कावड़ यात्रा को सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने बाबा भोलेनाथ की झांकियों का पूजन कर व ध्वजा फहराकर महेश्वर के लिए रवाना किया।
यात्रा संयोजक एवं विधायक गोलू शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत कर उन्हें यात्रा के साथ ले जाई जा रही मनोहारी झांकियों का अवलोकन कराया। सभी अतिथियों ने सिद्ध विजय गणेश मंदिर में विधायक गोलू शुक्ला के साथ पूजा-अर्चना कर मंदिर के पास पौधरोपण भी किया। यात्रा के लिए जा रहे करीब 5 हजार श्रद्धालुओं का जोश देखते ही बनता था। बोल बम और हर-हर महादेव के जयघोष के बीच श्रद्धालु नाचते-गाते हुए अपनी खुशियां व्यक्त कर रहे थे। सभी श्रद्धालु बसों एवं निजी वाहनों से महेश्वर प्रस्थित हुए। यात्रा के साथ भोजन, तम्बू एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों से भरे ट्रक भी ले जाएं गए।
यात्रा प्रभारी दीपेन्द्रसिंह सोलंकी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार, 14 जुलाई को सुबह 7 बजे महेश्वर में मां नर्मदा का 101 लीटर दूध से अभिषेक और मां नर्मदा को 1100 मीटर लंबी चुनरी समर्पित करने तथा देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ 180 कि.मी. लंबी यह कावड़ यात्रा नर्मदा का जल लेकर महाकालेश्वर को समर्पित करने और उनसे समूचे देश और प्रदेश में सुखद वर्षा एवं शांति सदभाव की प्रार्थना करने के लिए प्रस्थित होगी। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कावड़ यात्रा 14 जुलाई की शाम को गुजरी, 15 को मानपुर, 16 को महू, 17 को इंदौर, 18 को रेवती रेंज, 19 को पंथ पिपलई और 20 को उज्जैन पहुंचेगी। रात्रि विश्राम के बाद 21 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार को सुबह भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक के साथ यह कावड़ यात्रा संपन्न होगी।