2030 तक इंदौर की जीडीपी दुगुनी करने का है लक्ष्य।
सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी पर गंभीरता से किया जा रहा काम।
सेवा सुरभि की जाजम पर संसद शंकर लालवानी ने अपने ब्लू प्रिंट से प्रबुद्धजनों को कराया अवगत।
इंदौर : सांसद शंकर लालवानी ने कहा है कि इंदौर के प्रसिद्ध नमकीन और अन्य खाद्य वस्तुओं की वैश्विक मांग को देखते हुए हमारा प्रयास होना चाहिए कि अगले कुछ वर्षों में इंदौर देश के फूड कैपिटल के रूप में घोषित हो। अभी इंदौर से प्रतिदिन 100 टन नमकीन विभिन्न देशों में निर्यात हो रहा है। देश के किसी अन्य शहर से संभवतः अन्य कोई वस्तु का इतना निर्यात प्रतिदिन नहीं हो रहा है। हमारी कोशिश यही है कि आने वाले कुछ वर्षों में इंदौर ऐसा शहर बन जाए कि इंदौर से 6 दिशाओं में ट्रेन सेवाएं शुरू हो जाए। जब प्रदेश की जीडीपी पर बात होगी, तभी नगर और देश की जीडीपी भी बढ़ेगी। अगर इंदौर की जीडीपी बढ़ाना है तो सड़क, रेल और हवाई कनेक्टीविटी पर भी गंभीरता से काम करना होगा। खुशी की बात है कि इंदौर इस दिशा में पहले से बेहतरीन काम कर रहा है।
संस्था सेवा सुरभि द्वारा आरएनटी मार्ग स्थित एक निजी होटल परिसर में आयोजित बैठक में बोलते हुए सांसद शंकर लालवानी ने ये विचार व्यक्त किए। वे इन दिनों वर्ष 2030 तक इंदौर की जीडीपी को दोगुना करने की दिशा में शहर के विभिन्न वर्गों से रायशुमारी कर रहे हैं। इस श्रृंखला में उन्होंने शहर के अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से भी सुझाव मांगे । लालवानी ने उनके समक्ष अपने ब्लू प्रिंट का प्रदर्शन भी किया और कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में इंदौर पहला ऐसा शहर होगा, जहां 6 दिशाओं में ट्रेन सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। एक समय था जब दक्षिण भारत की ओर जाने में 19 से 20 घंटे का वक्त लगता था, लेकिन अब अगले दो वर्षों में यह समय घटकर 10 घंटे रह जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद शहर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की रुचि तेजी से बढ़ रही है। यहां के लोग, स्वच्छता और जलवायु – इन तीनों कारणों से इंदौर को निवेश के लिए एक पसंदीदा स्टेशन माना जा रहा है।
इस मौके पर प्रख्यात अर्थ शास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने कहा कि शहर की वर्तमान जीडीपी 11 वर्षों की मेहनत का परिणाम है। यदि आने वाले पांच वर्षों में पूरी रणनीति के साथ काम किया जाए तो निश्चित ही हमारी जीडीपी दोगुनी हो सकती है। औद्योगिक क्षेत्र, निर्माण, कृषि और सेवा, इन चारों से जीडीपी बनती है। हमें इन सभी क्षेत्रों पर संगठित रूप से काम करना होगा। जब शहर की जीडीपी बढ़ेगी तो प्रति व्यक्ति आय अर्थात पर कैपिटल इनकम भी बढ़ेगी और शहर को उसका लाभ भी मिलेगा। नरसीमुंजी विश्व विद्यालय से जुडे निरंजन शास्त्री ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि महाकालेश्वर के साथ ओंकारेश्वर-ममलेश्वर जैसे धर्मस्थलों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करना चाहिए। शहर की ब्रांडिग अब स्वच्छतम शहर से आगे बढ़कर रहने योग्य, सुविधाजनक और स्वास्थ्य सेवा से समृद्ध शहर के रूप में करनी होगी। व्यापार के क्षेत्र में कपड़ा उद्योग के मामले में भी कुछ सकारात्मक प्रयास होना चाहिए।
बैठक में पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी, मोयरा सरिया के संदीप जैन, इंदौर होटल एसो. के अध्यक्ष सुमित सूरी, इंदौर नमकीन विक्रेता संघ के अध्यक्ष अनुराग बोथरा, समाजसेवी एवं उद्योगपति विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, राधेश्याम शर्मा गुरूजी, मंडी अध्यक्ष संजय अग्रवाल, इंजीनियर अतुल शेठ, डॉ. अनिल भंडारी, यश टेक्नोलॉजी के धर्मेंद्र जैन, अमित दवे सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े उद्यमियों और कारोबारियों ने भी संबोधित किया और अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
प्रारंभ में संस्था सेवा सुरभि की ओर से ओमप्रकाश नरेड़ा, अनिल मंगल, कमल कलवानी, मनमोहन सिंह आदि ने स्वागत किया। इस मौके पर नारायण अग्रवाल 420 पापड़ वाले, अशोक बड़जात्या, हरि अग्रवाल, मुरली धामानी, अजीत सिंह नारंग, अदनान राजा महिदपुरवाला सहित बैठक में विभिन्न धार्मिक –सामाजिक एवं व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। बैठक का संचालन सीए संतोष मुछाल ने किया और अंत में आभार कुमार सिद्धार्थ ने माना।