इंदौर : भगवान और भक्त एक- दूसरे के पूरक भी हैं और पर्याय भी। दोनों का एक- दूसरे के बिना काम चल नहीं सकता। श्रीमद भागवत भक्त और भगवान को जोड़ने की कथा है। राम और कृष्ण के बिना भारतीय संस्कृति और जनमानस परिपूर्ण नहीं हो सकते।
ये विचार अयोध्या से आए रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने व्यक्त किये। वे विद्याधाम के रजत जयंती प्रकाशोत्सव के तहत चल रहे भागवत ज्ञानयज्ञ में भगवान राम और कृष्ण के जन्मोत्सव प्रसंग की व्याख्या करते हुए बोल रहे थे। इस दौरान राम और कृष्ण जन्मोत्सव भी धूमधाम के साथ मनाए गए। प्रकाशोत्सव के तहत
मां ललिता पराम्बा का मां त्रिपुर सुंदरी के रूप में मनोहारी श्रृंगार किया गया। मां के इस दिव्य स्वरूप का दर्शन लाभ लेने दिनभर लोगों का तांता लगा रहा। यहां श्री विद्या ललिताम्बा महायज्ञ भी जारी है जिसकी पूर्णाहुति 2 फरवरी को होगी।
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