इंदौर : पितृ पर्वत पर स्थापित श्री पितरेश्वर हनुमान के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की पूर्णाहुति विशाल नगर भोज के साथ हुई। नगर भोज की तैयारियां कुछ दिनों पहले से ही शुरू कर दी गई थी। शिव महाराज की अगुवाई में हजारों हलवाई दिन- रात भोजन प्रसादी बनाने में जुटे थे।मंगलवार शाम पितरेश्वर हनुमान की आरती की गई और भोग लगाया गया। उसके बाद बटुकों को भोज कराने के साथ ही नगर भोज भी प्रारम्भ हो गया।
10 सेक्टरों में बांटा गया था नगर भोज मार्ग।
बड़ा गणपति से पितरेश्वर हनुमान धाम तक नगर भोज मार्ग को 10 सेक्टरों में बांटा गया था। प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को दी गई थी। विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अलग- अलग सेक्टरों में तैनात किया गया था। मुख्य रसोईघर पितृ पर्वत पर बनाया गया था। इसके अलावा समूचे नगर भोज मार्ग पर 9 और रसोईघर स्थापित किये गए थे जहां भोजन प्रसादी बनाने की प्रक्रिया सतत चलती रही। बड़ा गणपति से पितृ पर्वत तक कुल 7 किमी मार्ग में से एयरपोर्ट के पास, गांधीनगर और पितरेश्वर धाम पर खुले मैदान में श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी परोसी गई। शेष हिस्से में सड़क पर पंगत बिठाकर नगर भोज कराया गया।
कैलाशजी सहित हजारों कार्यकर्ताओं ने की परोसगारी।
कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता सहित अन्य नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं ने परोसगारी में हाथ बंटाया। भोजन प्रसादी ग्रहण करने लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी तादाद में श्रद्धालु भोजन प्रसादी ग्रहण करने पहुंचे थे। शाम 4 बजे से शुरू हुआ नगर भोज रात तक चलता रहा। कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि 10 लाख से अधिक लोगों ने नगर भोज में शामिल होकर भोजन प्रसादी ग्रहण की।
सफाई का रखा गया था पुख्ता इंतजाम।
नगर भोज के दौरान गंदगी न फैले इस बात का विशेष ध्यान रखा गया। सैकड़ों कार्यकर्ता और निगमकर्मी हाथों हाथ झूठी पत्तलें उठाकर वहां रखे ड्रमों में डाल रहे थे। उन ड्रमों को कचरा वाहन में खाली कर ट्रेन्चिंग ग्राउंड भिजवाया गया। अहम बात ये रही कि पूरे आयोजन में कहीं भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया गया।