अब शशिकला को जेल जाना होगा. अब शशिकला के पास सरेंडर करने के अलावा कोई चारा नहीं है.अब शशिकला मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाएंगी.
शशिकला के खिलाफ केस क्या है?
ये मामला करीब 21 साल पुराना साल 1996 का है, जब जयललिता के खिलाफ आय से 66 करोड़ रुपये की ज्यादा की संपत्ति का केस दर्ज हुआ था. इस केस में जयललिता के साथ शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया गया था. शशिकला के खिलाफ ये केस निचली अदालतों से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है.
सुप्रीम कोर्ट से पहले इस केस में क्या क्या फैसले आए थे-
27 सितंबर 2014 को बेंगलूरु की विशेष अदालत ने जयललिता को 4 साल की सजा सुनाई थी. इसके अलावा जयललिता पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इस केस में ही शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को भी चार साल की सजा सुनाई गई थी और 10-10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया था. फैसले के बाद चारों को जेल भी भेजा गया था. जिसके बाद विशेष अदालत के बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा था.
11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने कर दिया था बरी-
11 मई 2015 को हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में चारों को बरी कर दिया था. हाईकोर्ट से जयललिता और शशिकला को बड़ी राहत तो मिली थी, लेकिन इसके बाद कर्नाटक की सरकार जयललिता की विरोधी पार्टी डीएमके और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दे दी. कर्नाटक सरकार इस मामले में इसलिए पड़ी, क्योंकि 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने केस को कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था.