अज्ञान के अंधकार को भागवत के दीपक से दूर किया जा सकता है- स्वामी भास्करानंद

  
Last Updated:  September 25, 2021 " 01:49 pm"

इंदौर : भागवत श्रद्धा और आस्था के साथ सुना जाने वाला ग्रंथ है। जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्ति चाहिए तो भागवत का आश्रय जरूर लेना चाहिए। भागवत औषधि भी है और दीपक भी। संसार की चकाचौंध और सूर्य की रोशनी से बाहर तो उजाला हो सकता है लेकिन अंतर्मन के अज्ञान के अंधकार को भागवत के दीपक से ही रोशन किया जा सकता है।
ये प्रेरक विचार हैं श्रीधाम वृंदावन के महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद के, जो उन्होंने स्कीम नम्बर 54 स्थित ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर ‘नक्षत्र’ की दूसरी मंजिल पर ब्रम्हलीन अयोध्यादेवी एवं शंकर दयाल विजयवर्गीय की पावन स्मृति में चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञानयज्ञ में व्यक्त किए। कथा श्रवण के लिए मालवांचल के अनेक साधु-संत भी प्रतिदिन आ रहे हैं। प्रारंभ में यजमान परिवार के आकाश-सोनल विजयवर्गीय, समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विधायक रमेश मैंदोला, विजय मित्तल, गणेश गोयल, पूर्व पार्षद मुन्नालाल यादव, संजय चौधरी, अजय गोयल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। समापन अवसर पर आरती में यजमान परिवार के कैलाश-आशा विजयवर्गीय, अरूण गोयल मामा, विजय पांडे, श्याम अग्रवाल मोमबत्ती, सुरेश कुरवाड़े, सुधीर कोल्हे आदि ने भाग लिया। संतश्री के साथ पधारी साध्वी कृष्णानंद ने भी अपने मनोहारी भजनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध किया। कथा प्रतिदिन दोपहर 4 से शाम 7 बजे तक होगी। भक्तों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कथा का पुण्य लाभ उठाने का आग्रह किया गया है।

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