एक महिला संभालती है मालवा मिल मुक्तिधाम का मैनेजमेंट..!
आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने से लेकर दाह संस्कार ठीक से हो जाए, इसका भी रखती हैं ध्यान। कोरोना काल भी सैकड़ों शवों का किया अंतिम संस्कार। इंदौर : (राजेंद्र कोपरगांवकर) किसी भी इंसान का अंतिम पड़ाव मुक्तिधाम होता है, जहां उसकी नश्वर देह भी पंचतत्वों में विलीन हो जाती है। आमतौर पर ये परंपरा रही है की अंतिम यात्रा में महिलाएं श्मशान नहीं जाती। आज भी 99 फीसदी मामलों में यह परंपरा निभाई जाती है पर इसके बिल्कुल विपरीत दृश्य और पढ़े