बढ़े हुए बिलों का समायोजन और समयबद्ध मीटर रीडिंग का इंतजाम करें विद्युत वितरण कम्पनी- मालू

  
Last Updated:  July 28, 2020 " 03:15 pm"

इंदौर : मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण शहर की जनता परेशान हो रही है। गरीबों को बिजली के अनाप-शनाप बिल भेजे जा रहे हैं, शिकायत करने पर भी उनका निराकरण नहीं हो रहा। मीटर रीडिंग का कार्यक्रम भी समयबद्ध न होने से यूनिट की दरों का स्लैब बदलता है, जिससे बिल राशि बदल जाती है।
आनंद गोष्ठी के संरक्षक खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने MPEB CMD विकास नरवाल से भेंट कर एक विस्तृत पत्र दिया जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने संबल योजना के तहत गरीबों को बिजली बिलों में राहत दी है, पर अव्यवस्थाओं के कारण उसका पर्याप्त लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा! सामान्य लोगों के यहाँ भी बिजली के बढे हुए बिल आ रहे हैं। कोरोना काल में जो संस्थान पूरी तरह बंद रहे, फिर भी उनके यहाँ भारी भरकम बिल भेजे गए। श्री मालू ने कहा कि ये प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत और गरीबों पर ज्यादती है।

पात्र उपभोक्ताओं को भी नहीं मिला लाभ।

मालू ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के समय मप्रपक्षेविविकंलि ने स्पष्ट किया था कि बिल में राहत का लाभ सिर्फ उन उपभोक्ताओं तक ही सीमित रहेगा, जो ‘संबल’ या ‘इंदिरा गृहज्योति योजना’ के लिहाज से पात्र पाए जाते हैं। मूल रूप से इस योजना का लाभ ऐसे उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिनकी मासिक बिजली खपत प्रति माह 100 से 150 यूनिट तक है। इसके तहत मार्च माह में ऐसे उपभोक्ता, जिनका बिल 100 रुपए तक था या 100 से 400 रुपए की श्रेणी में था, वे पात्र माने जाएंगे। लेकिन, निर्धारित समय सीमा में मीटर रीडिंग न होने से कई पात्र उपभोक्ताओं को इसका लाभ नहीं मिला। इसलिए जरुरी है कि अनावश्यक रूप से बढे समाज के सभी वर्गों के बिजली के बिलों पर सहानुभूति से विचार कर शिकायतों का समयबद्ध निराकरण किया जाए।
गोविंद मालू ने पत्र में यह भी मांग की है कि मीटर रीडिंग निर्धारित समय पर हो! क्योंकि, यूनिट की दर का स्लैब 30 दिन के हिसाब से तय होता है। लेकिन, देखा गया है कि कई बार 40 से 60 दिन में रीडिंग होती है। इससे यूनिट की दर का स्लैब बढ़ जाता है और इसका भार उपभोक्ता पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मप्रपक्षेविविकंलि की लापरवाही और गलतियों का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए जरुरी है कि मीटर रीडरों की संख्या बढाकर निर्धारित 30 दिनों में ही रीडिंग हो!

बढ़े हुए बिल नहीं किए गए समायोजित।

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में मप्रपक्षेविविकंलि ने बेवजह लोगों को ज्यादा राशि के बिजली बिल भेजे, जिन्हें अभी तक संयोजित नहीं किया गया। अप्रैल-मई के बिल पिछले साल की बिजली खपत को आधार बनाकर भेज दिए, जो हास्यास्पद प्रयोग है। श्री मालू ने कहा कि विद्युत वितरण कम्पनी बिजली पारेषण का नुकसान कम करे और बिजली चोरी पर नियंत्रण करे! उसकी भरपाई गरीब जनता की जेब से न करे,और बिजली बिलों से त्रस्त जनता को राहत देने के लिए ज़ोन अनुसार शिविर लगाए जाएं।

प्रतिनिधि मंडल को सीएमडी नें ये कहा।

गोविंद मालू के नेतृत्व में मिले आनन्द गोष्ठी के प्रतिनिधि मण्डल को सीएमडी विकास नरवाल ने कहा कि बिलों की जाँच के साथ 3 माह के इकठ्ठे बिलों और बड़ी राशि के बिलों की 3 से 4 किश्त में भरने की सुविधा के साथ अब प्रतिमाह रीडिंग कराई जाएगी।बढ़े हुए और 3 से 4 माह के बिलों को भी सम्बल और अन्य योजना के लाभ दिलवाने के लिए प्रक्रिया अपनाई जाएगी।हर झोन पर शिविर लगाकर समस्या का निराकरण करने पर भी उन्होंने सहमति व्यक्त की।उद्योग समूहों के लिए भी भुगतान व बड़े बिजली बिलों में युक्तियुक्त रियायत पर विचार किया जाएगा।
आनंद गोष्ठी के प्रतिनिधि मण्डल में प्रताप करोसिया, जवाहर मंगवानी, आदर्श सचान, राजेन्द्र असावा आदि शामिल थे।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *