# कीर्ति राणा #
इंदौर : परेशानियां चाहें जितनी हों यदि व्यक्ति हिम्मत न हारे तो मुसीबत से निकलने का रास्ता मिल ही जाता है।कुछ ऐसा ही हुआ है केला उत्पादक किसानों और सस्ते ज्यूस की बिक्री के कारण शहर की पहचान बन चुके राजू सागर के साथ।
खंडवा, बुरहानपुर में हाल ही में हुई बारिश ने उन केला उत्पादक किसानों की परेशानी और बढ़ा दी जो महाराष्ट्र में कोरोना कहर की सख्ती के चलते खेतों में तैयार अपनी केले की फसल नहीं भेज पा रहे थे। बड़वानी भी पपीता और केला उत्पादन का प्रमुख जिला है, यहां भी केला उत्पादक किसानों के सामने इसी तरह की दिक्कतें थीं।अब उनकी फसल अपने ही राज्य में बिक रही है।
इधर गोराकुंड क्षेत्र में चिड़ियाघर जैसे आकर्षण के साथ सागर ज्यूस सेंटर संचालित करने वाले राजू सागर की शॉप का आकर्षण विदेशी पक्षियों पर पाबंदी के चलते प्रभावित हुआ और कोरोना की सख्ती के चलते कामकाज भी बंद चल रहा था।बड़वानी और बुरहानपुर के केला उत्पादक किसानों की समस्या की जानकारी लगी तो उनसे चर्चा करने पहुंच गए, इस संकट काल में दोनों पक्षों ने एक दूसरे का दर्द समझा और हल यह निकला की कच्चे केले की शहर में बहार आ गई। पिछले पंद्रह दिनों से शहर में हर दिन हजारों किलो कच्चे केले की बिक्री का रिकॉर्ड बन रहा है तो उसकी वजह है कच्चे केले से बनने वाले विविध व्यंजन और जैन-माहेश्वरी परिवारों में आलू की अपेक्षा केले का अधिक उपयोग किया जाना।
राजू बताते हैं मुसीबतों से जूझ रहे केला उत्पादक किसानों का मैं भी शोषण करने लगूं तो मुझे भी ईश्वर को जवाब देना होगा।मैं तो उनसे केले के वजन के साथ डगाल (टहनी) के वजन का भी पैसा देता हूं।
कोरोना काल में नगर निगम के झोन 1 और 11 में सस्ते भाव में फल बेचने के बाद अब राजू सागर बाजार मूल्य से कम भाव में फलों की ऑनलाइन बिक्री में सहयोग के लिए किसानों से चर्चा कर चुके हैं। किसानों का लालच यह है कि उन्हें माल भाढ़े के खर्च और आढ़तियों के शोषण से मुक्त मिल जाएगी।