मतदाता सूची को लेकर दावे- आपत्तियों का समय बढाया जाए- बीजेपी

  
Last Updated:  July 7, 2020 " 06:50 am"

इंदौर : भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के नेतृत्व मेंं प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर मनीषसिंह को नगर निगम की मतदाता सूची 2020 के संबंध में आपत्ति दर्ज कराई। बीजेपी नेताओं ने मतदाता सूची में सुधार एवं दावे- आपत्ति की समय सीमा बढ़ाने हेतु ज्ञापन दिया।
प्रतिनिधि मंडल में सांसद शंकर लालवानी, विधायक महेन्द्र हार्डिया, मालिनी गौड, सुदर्शन गुप्ता, मधु वर्मा, जयदीप जैन, मनोहर मेहता आदि शामिल थे।

वार्डों में नहीं किया गया मतदाता सूची का प्रकाशन।

ज्ञापन मेंं मांग की गई है कि नगर पालिका निगम इंदौर की मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन 1 जुलाई 2020 को किया गया है, जिस पर दावे- आपत्ति बुलाने हेतु 9 जुलाई तक का समय दिया गया है । मध्य प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 की धारा चार के अनुसार सार्वजनिक सूचना हेतु सूची का प्रकाशन वार्ड या उसमें ऐसे किसी स्थान पर करना आवश्यक है जिससे अधिक से अधिक लोगों तक विषय पहुंच जाए किंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी वार्ड में सूची का प्रकाशन नहीं किया गया ।

दावे- आपत्ति का समय बढाया जाए।

बीजेपी नेताओं का कहना था कि कोरोना महामारी के इस काल में जब शहर को अनलॉक करने की प्रक्रिया जारी है तब यह संभव नहीं है कि इतने कम समय में लोगों तक मतदाता सूची के प्रकाशन एवं दावे- आपत्ति लगाने की जानकारी आसानी से पहुंच जाएं ,इसलिए यह आवश्यक है कि दावे- आपत्ति बुलाने का समय बढ़ाया जाए नियम अनुसार कम से कम 7 दिन एवं अधिक से अधिक आवश्यकता अनुसार समय दिया जा सकता है जो आपके अधिकार क्षेत्र में है।

प्रकाशित सूची में कई विसंगतियां।

मतदाता सूची के प्रथम दृष्टया अवलोकन से यह भी ध्यान में आया है कि प्रकाशित सूची में कई प्रकार की विसंगतियां एवं त्रुटियां हैं जैसे की, एक ही गली में रहने वाले मतदाताओं के मतदान केंद्र में परिवर्तन किया गया है एवं एक ही नामों की कई बार पुनरावृत्ति की गई है। इसका सबूत भी कलेक्टर को पेश किया गया।
प्रकाशित सूची में लोकसभा चुनाव में मतदान करने वाले कई मतदाताओं के नाम भी गायब हैं जबकि जानकारी प्राप्त करने पर वे सभी मतदाता उसी स्थान पर निवास कर रहे हैं एवं उन्होंने नाम कटवाने हेतु कोई आवेदन नहीं दिया है।
बीजेपी नेताओं ने कलेक्टर को बताया कि प्रकाशित सूची विसंगति पूर्ण होकर लोकसभा चुनाव हेतु जारी की गई सूची के अनुरूप बनाई गई प्रतीत नहीं होती है ,कई मतदाताओं के नाम लोकसभा चुनाव में जिस मतदान केंद्र पर है वहां से हटाकर अन्य किसी मतदान केंद्र पर जारी किए गए हैं ,जिससे मतदाता को अकारण ही कठिनाई का सामना करना पड़ेगा एवं निष्पक्ष चुनाव होने पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है।
प्रकाशित सूची से निष्पक्ष चुनाव करवाना संभव नहीं है मध्य प्रदेश नगर पालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियमों के तहत निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु दावे आपत्ति देने का अधिकार है किंतु सूची प्रकाशन की जानकारी के अभाव में मतदाता इसमें सहभागी नहीं हो पाएंगे, वर्तमान में कोरोना के प्रकोप के कारण भी लाखों लोग जानकारी के अभाव में समय पर दावे आपत्ति नहीं दे पाएंगे इसलिए यह आवश्यक है कि दावे आपत्ति का समय नियमानुसार बढ़ाया जाए।
उपरोक्त आपत्तियों के आधार पर सूची का सूक्ष्म परीक्षण करवाया जाए। लोकसभा चुनाव में प्रकाशित सूची में नए नाम जोड़कर नगरीय निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएं एवं दावे आपत्ति बुलाने का समय 31 जुलाई तक बढ़ाया जाए जिससे मतदाताओं को सूची प्रकाशन की जानकारी के साथ-साथ दावे आपत्ति लगाने हेतु पर्याप्त समय मिल सके। पूर्व में जिस प्रकार मतदाता सूची का प्रकाशन एवं दावे आपत्तियों की प्रक्रिया बूथ पर ही बीएलओ के माध्यम से की जाती थी उसी प्रकार वर्तमान में भी बूथ स्तर पर मतदाता सूची का प्रकाशन एवं दावे- आपत्तियों की प्रक्रिया सम्पन्न करवाई जाए।
कलेक्टर ने बीजेपी नेताओं को आश्वस्त किया कि मतदाता सूची को लेकर जो भी विसंगतियां ध्यान में लाई गई हैं, उनका उचित निराकरण किया जाएगा।

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