नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने महापौर भार्गव पर लगाया आरोप।
ग्रीन बॉन्ड से पैसा जुटाने के एक साल बाद भी सोलर प्लांट का काम शुरू नहीं होने को बताया महापौर की नाकामी।
इंदौर : नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने ग्रीन बॉन्ड के जरिए बड़ी राशि मिलने के एक साल बाद भी जलुद में सोलर एनर्जी प्लांट का काम शुरू नहीं होने पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार कंपनी से कमीशनखोरी के लिए टेंडर पर फैसला नहीं लिया जा रहा है। ग्रीन बॉन्ड का पैसा उपयोग में नहीं आने से निगम को आर्थिक हानि भी उठाना पड़ रही है।
कमीशन के चक्कर में रोक रखा है टेंडर।
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के जरिए कहा कि जलुद में 60 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाने के लिए नगर निगम ने बीते वर्ष फरवरी माह में ग्रीन बॉन्ड जारी किए थे। इसके जरिए निगम ने 244 करोड़ रुपए जुटाए थे पर एक साल बीत जाने के बावजूद इस राशि का उपयोग नहीं हो सका है। इस अवधि में दो बार निगम द्वारा टेंडर भी जारी किए गए। पहली बार के टेंडर निरस्त किए गए लेकिन दूसरी बार बुलाए गए टेंडर पर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने इसे महापौर पुष्यमित्र भार्गव की नाकामी बताते हुए कहा नगर निगम परिषद की पिछली बैठक में इस टेंडर को मंजूरी के लिए रखा गया था लेकिन बाद में सत्ता पक्ष ने हो निहित स्वार्थ के चलते इस टेंडर के प्रस्ताव को रुकवा दिया। उन्होंने महापौर भार्गव पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि 10 फीसदी कमीशन के लिए यह टेंडर रुकवाया गया।
नगर निगम को लगा 54 करोड़ का फटका।
उन्होंने कहा कि कब टेंडर पास होगा, कब वर्क ऑर्डर जारी होगा और कब सोलर प्लांट का काम शुरू होगा यही अभी तक तय नहीं है,जबकि नगर निगम को प्रति माह लाभांश के रूप में निवेशकों को साढ़े चार करोड़ रुपए चुकाने हैं, ऐसे में बीते एक साल में नगर निगम को 54 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि अगले माह मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने वाली है, ऐसे में जून माह के पहले निगम परिषद की बैठक होने के आसार नहीं है। देखा जाए तो यह प्रकल्प बीजेपी शासित निगम परिषद के भ्रष्टाचार का प्रतीक बन कर रह गया है।