इंदौर। अगर आपके पास बेहतरीन आवाज है, उच्चारण स्पष्ट है, भाषा पर पकड़ है,और आप उसका सही इस्तेमाल करना जानते है तो एक अच्छे अनाउंसर, न्यूज रीडर,रेडियो जॉकी,वाइस आर्टिस्ट, सिंगर आदि बन सकते हैं। ऐसे में आपकी समाज में प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी और आपको अच्छा पैसा भी मिलेगा।
ये विचार वरिष्ठ उद्घोषक कमल शर्मा मुंबई ने जाल सभागृह में अभ्यास मंडल की 61 वी ग्रीष्म कालीन व्यखायांनमाला में मुख्य वक्ता बतौर व्यक्त किए। विषय था आवाज और अंदाज।
श्री शर्मा नेअपनी बात को समझाने के लिए रेडियो, टेलीविजन,फिल्म आदि के ढेर सारे उदाहरण देते हुए कहा कि भाषा का अपना सौंदर्य है,उसका अपना विज्ञान है, व्याकरण है, अनुशासन है और उसे कहने का एक तरीका है।
जो भाषा हम अपने घर परिवारों में सुनना पसंद नहीं करते अगर वही भाषा किसी फिल्मी गीत, विज्ञापन,डॉक्यूमेंट्री में सुनना पड़े तो हमे कैसा लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि पहले के फिल्मी गीत,कविताएं इतनी अच्छी होती थी कि उसे सुनकर लोग अपनी भाषा सुधारते थे,।आज तो मानक ही बदल गए है,क्योंकि बाजार हावी है और अब पिज्जा ,बर्गर खाने वालो की अधिक चिंता हो रही है, जो चिंता की बात है।
शर्मा ने आगे कहा कि जिनकी आवाज अच्छी है, उसका बेहतर इस्तेमाल रेलवे स्टेशन ,एयरपोर्ट,स्टूडियो पर भी उद्घोषक के रूप में हो रहा है।
श्री शर्मा ने श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी संतोषजनक जवाब दिए।।अतिथि स्वागत शरद सोमपुरकर,किशोर भाई ने किया। रंजीत बागड़िया ने प्रतीक चिन्ह प्रदान किए। संचालन शफी शेख ने किया। आभार गौतम कोठारी ने माना।
कार्यक्रम मैं प्रोफेसर निशा दुबे, आलोक खरे, प्रवीण शर्मा, सुमन छानी,मुकुंद कुलकर्णी,सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
संस्था अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने बताया कि 10 मई को सुप्रीम कोर्ट के अभिभाषक अपार गुप्ता,दिल्ली का, इंटरनेट और डेमोक्रेसी पर व्याख्यान होगा।