भोपाल : मध्य प्रदेश की सियासत में हिंदू महासभा से नाता रखने वाले बाबू लाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध शुरू हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने विरोध में आवाज बुलंद की है।उनका कहना है कि वे गोडसे की पूजा करने वाले को वे कांग्रेस में बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे इसके एवज में उन्हें किसी भी तरह का राजनीतिक नुकसान ही क्यों न झेलना पड़े।
बता दें कि 2 दिन पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ की मौजूदगी में बाबू लाल चौरसिया ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। इसका अरुण यादव ने कड़ा विरोध किया था। अब उन्होंने एक बयान जारी कर अपनी बात कही है।
गोडसे की पूजा करने वाले के कांग्रेस में प्रवेश पर सब चुप क्यों..?
अरुण यादव का कहना है कि, वे आरआरएस विचारधारा के खिलाफ लाभ हानि की चिंता किए बगैर सड़कों पर लड़ते हैं। उनकी आवाज कांग्रेस और गांधी की विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है। जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता था, वहां इंदौर के संघ कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर उन्होंने तिरंगा फहराया था। देश के सारे बड़े नेता कहते हैं कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले के कांग्रेस में प्रवेश को लेकर सब खामोश क्यों हैं।
चौरसिया पर FIR दर्ज करने का कमलनाथ ने ही दिया था निर्देश..!
यादव ने पूर्व सीएम कमल नाथ के मुख्यमंत्रित्च कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा कि, कमल नाथ ने इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों पर ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गाधी, पं नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल की छवि को षडयंत्रपूर्वक नई पीढ़ी के सामने धूमिल करने की कोशिश कर रही है, तब कांग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते मैं शांत नहीं बैठ सकता। मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ न होकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूं।