अच्छे आचरण से समाज के सामने पेश करें मिसाल, केंद्रीय जेल से रिहा हुए कैदियों को गृहमंत्री ने दी नसीहत

  
Last Updated:  August 15, 2021 " 08:26 pm"

इंदौर : “एक पल की गलती, लंबे समय तक पश्चाताप बनके रहती है, लेकिन इससे हमें आने वाले जीवन के लिए उम्मीदों की कल्पना नहीं छोड़नी चाहिए। अच्छे आचरण, अभ्यास और संस्कार के द्वारा हमें आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन समाज में एक नया उदाहरण पेश करने का संकल्प लेना चाहिए। इसी उद्देश्य को सार्थक रूप देने के लिए प्रदेश भर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को रिहा किया जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि इंदौर केंद्रीय जेल से रिहा हो रहे कैदी संस्कार और संस्कृति की नई प्रेरणा बन समाज में मिसाल पेश करेंगे।”
इन शब्दों के साथ इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री एवं गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि विधायी कार्य विभाग मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 24 कैदियों को रिहाई प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर पूर्व विधायक जीतू जिराती, मधु वर्मा, केन्द्रीय जेल अधीक्षक राकेश भांगरे सहित केंद्रीय जेल के अन्य अधिकारी -कर्मचारी एवं बंदी उपस्थित रहे।
मंत्री डॉ. मिश्रा ने जेल में रह रहे कैदियों को अच्छा आचरण और स्वभाव अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अभ्यास के माध्यम से जेल में रह रहे कैदियों के लिए भी आगे आने वाले दिनों में सुनहरा कल जरूर आएगा। कार्यक्रम में जेल के कैदियों द्वारा मलखम्ब की शानदार प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की सारी साज-सज्जा का कार्य भी जेल में रह रहे कैदियों द्वारा किया गया।

24 कैदियों को मिली रिहाई।

जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि शासन के माफी आदेश का पालन करते हुए स्वतंत्रता दिवस पर केंद्रीय जेल से 24 कैदियों को रिहा किया गया है, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। ये कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। ये वे कैदी हैं, जिन्होंने अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली है । उन्होंने बताया कि जेल में संचालित उद्योगों में जो काम कैदियों द्वारा किया जाता है, उसका मेहनताना उन्हें रिहाई के समय दिया जाता है। कैदियों को यहां से रिहा करते समय यह समझाइश दी गई है कि उन्होंने जो एक गलती कर अपने 20 साल यहां गुजारे हैं। वैसी गलती दोबारा ना करें और अपने परिवार के साथ अच्छे से रहें।

रिहा हुए कैदियों के चेहरे पर दिखी खुशी की चमक।

कार्यक्रम के दौरान मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा से प्रमाण पत्र पाने के पश्चात रिहा हुए कैदियों के चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी। केंद्रीय जेल से आजाद हुए एक कैदी ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस उनके जीवन में एक नई आजादी लेकर आया है। वे अपना जीवन अब नए ढंग से शुरू करेंगे और लोगों के लिए प्रेरणा बनेंगे।

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