अनारक्षित वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ

  
Last Updated:  January 9, 2019 " 07:29 pm"

इंदौर- लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी 124 वा संविधान संशोधन विधेयक पारित हो गया। विधेयक के पक्ष में 165 और विरोध में केवल 7 वोट पड़े। अब ये विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर होते ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को इसका लाभ सरकारी सेवाओं और शिक्षा में मिलने लगेगा।
इसके पूर्व विधेयक पर 10 घंटे तक हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक की टाइमिंग को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। उनका साफ तौर पर कहना था कि आगामी लोकसभा चुनाव में ऊंची जातियों के वोट लेने के लिए आनन- फानन में ये विधेयक लाया गया है। हालांकि कुछ को छोड़ अधिकांश दलों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया। विधेयक पर वोटिंग के पहले उसे प्रवर समिति के पास भेजे जाने की विपक्ष की मांग भी मत विभाजन के जरिये खारिज हो गई।

एससी- एसटी और ओबीसी कोटे से छेड़छाड़ नहीं

विधेयक पारित होने के पहले विपक्ष की आशंकाओं का समाधान करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी अलग से कोटा दिया गया है। इसका एससी- एसटी और ओबीसी के 49.5 फीसदी कोटे से कोई संबंध नहीं है। वह कोटा यथावत रहेगा।

सामाजिक न्याय की जीत- पीएम मोदी

राज्यसभा में भी सामान्य वर्ग के लिये आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण का संविधान संशोधन विधेयक पारित होने पर पीएम मोदी ने प्रसन्नता जताई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ये समाजिक न्याय की जीत है। इससे युवा शक्ति को अपना कौशल दिखाने का केनवास मिल सकेगा।

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