महायज्ञ में संपन्न हुई 1 लाख ग्यारह हजार आहुतियां
इंदौर : शहर के पश्चिमी क्षेत्र में जन-जन की आस्था के केन्द्र बन चुके ‘ अन्नपूर्णा लोक ’ पर गत 31 जनवरी से चल रहे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं सहस्त्र चंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति मंगलवार को मंदिर परिसर स्थित यज्ञशाला में 1 लाख 11 हजार आहुतियां संपन्न होने के साथ हो गई। आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि के सान्निध्य और महोत्सव के मुख्य यजमान विनोद –नीना अग्रवाल सहित आश्रम के न्यासी मंडल के सदस्यों ने विश्व शांति एवं जन कल्याण के उद्देश्य से आहुतियां समर्पित की। इस मौके पर बाहर से आए संत-विद्वान भी उपस्थित थे। यज्ञ देवता के जयघोष के साथ मां अन्नपूर्णा के जयकारे भी लगे। महोत्सव के समापन के साथ ही बाहर से आए संत, विद्वानों की विदाई का क्रम भी शुरू हो गया। मंगलवार को दिनभर 50 हजार से अधिक भक्तों ने मां अन्नपूर्णा का प्रसाद ग्रहण किया।
मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि, न्यासी मंडल के गोपालदास मित्तल एवं श्याम सिंघल ने बताया कि सहस्त्र चंडी महायज्ञ में गत 31 जनवरी से 3 फरवरी तक आचार्य पं. कल्याण दत्त शास्त्री एवं उपाचार्य पं. किशोर जोशी के निर्देशन में 110 विद्वानों ने दुर्गा सप्तशती का पाठात्मक और 4 फरवरी से 7 फरवरी तक हवनात्मक पाठ किया। इस दौरान कुल 1 लाख 11 हजार आहुतियां समर्पित की गई। मंगलवार को पूर्णाहुति में विनोद –नीना अग्रवाल, टीकमचंद गर्ग, पवन सिंघानिया, दिनेश मित्तल, सत्यनारायण शर्मा, विष्णु बिंदल नीलेश सजनप्रभा, श्याम सिंघल, किशोर गोयल एवं राम ऐरन आदि ने भाग लेकर विश्व शांति, जन कल्याण एवं समाज में सदभाव की प्रार्थना की। पूर्णाहुति के अवसर पर आश्रम की भोजन शाला में दिनभर मां अन्नपूर्णा के प्रसाद की व्यवस्था जारी रही, जिसमें लगभग 50 हजार भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। इस समूचे महोत्सव में 31 जनवरी से 7 फरवरी तक, 8 दिनों में लगभग ढाई लाख लोगों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। भोजन व्यवस्था में आश्रम परिवार के कैलाश शर्मा, भूपेश गुप्ता, नागेन्द्र चौहान, मुकेश गुप्ता एवं नरेन्द्र जैन की उल्लेखनीय सेवाएं रहीं।
इसी तरह नूतन श्रृंगारित मंदिर के लोकार्पण के बाद पिछले पांच दिनों में लगभग 5 लाख भक्तों ने मां के दर्शनों का पुण्य लाभ उठाया।
नियमित दर्शन का समय।
मंदिर संचालन समिति के अध्यक्ष स्वामी जयेन्द्रानंद गिरि एवं श्याम सिंघल ने बताया कि नूतन श्रृंगारित मंदिर पर प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से मंदिर के पट खुलेंगे और रात 11 बजे तक खुले रहेंगे। इस बीच मातारानी का सुबह 8 बजे एवं दोपहर 4 बजे श्रृंगार होगा । आरती सुबह श्रृंगार के बाद 8.30 से 9 बजे के बीच और शाम को 7.15 बजे होगी। भोग सुबह 11.30 बजे और शाम को 7.30 बजे समर्पित होगा। मंदिर स्थित मां अन्नपूर्णा, मां कालिका एवं मां सरस्वती को प्रतिदिन दिन में दो बार साड़ियां पहनाकर श्रृंगार किया जाता है, जो सुबह 8.30 बजे और दोपहर में 4 बजे होगा। मंदिर आने वाले भक्तों के लिए वाहन पार्किंग की निःशुल्क व्यवस्था मंदिर के पीछे की गई है, जहां पहुंचने के लिए मुख्य मार्ग पर मंदिर के पहले और बाद में, दोनों मार्गों से पहुंचा जा सकेगा।