इंदौर : पीपल्याहाना रिंगरोड पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल का निर्माण लंबे समय से चल रहा है। जयपालसिंह चावड़ा के आईडीए अध्यक्ष बनने के बाद इसके काम ने गति पकड़ी है। मंगलवार को चावड़ा और मंत्री तुलसी सिलावट ने निर्माणाधीन स्वीमिंग पुल का अवलोकन कर कार्य की प्रगति का जायजा लिया। पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधु वर्मा और नगर निगम के पूर्व सभापति अजय सिंह नरुका भी उनके साथ थे। आईडीए अध्यक्ष चावड़ा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप जल्द से जल्द पुल का निर्माण पूरा करें।
अप्रैल माह तक पूरा होगा निर्माण।
आईडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा ने इस मौके पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि शहर के पूर्वी क्षेत्र में निर्माणाधीन इस अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल के पहले चरण का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। द्वितीय चरण का कार्य आगामी मार्च- अप्रैल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए हाल ही में सम्पन्न हुई बोर्ड बैठक में बजट का प्रावधान कर टेंडर भी स्वीकृत कर दिया गया है। चावड़ा ने बताया कि यह स्वीमिंग पुल पूरीतरह अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप होगा ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाएं भी यहां आयोजित की जा सकेंगी। इंदौर के साथ प्रदेश भर के तैराकों को इसका लाभ मिलेगा।
स्वीमिंग पुल के संचालन की योजना बना रहे।
स्वीमिंग पुल के संचालन को लेकर आईडीए अध्यक्ष चावड़ा का कहना था आईडीए के अधिकारियों को भोपाल और मुम्बई के अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल्स के संधारण और रखरखाव की जानकारी लेने भेजा गया था। उनके द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को आधार बनाकर इस स्वीमिंग पुल का किसतरह संचालन और रखरखाव किया जाए इसकी रूपरेखा बनाई जाएगी। इसमें शहर के खिलाड़ी और सम्बन्धित खेल के विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए जाएंगे।
गोताखोरी के लिए अलग पुल।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल में तैराकी और गोताखोरी के लिए अलग- स्वीमिंग पुल बनाए जा रहे हैं जबकि पुराने स्वीमिंग पुल तैराकी और गोताखोरी दोनों के लिहाज से बनाए गए हैं।
12 वर्ष पूर्व सीएम शिवराज ने की थी घोषणा।
नगर निगम के पूर्व सभापति अजय सिंह नरुका ने बताया कि
इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में महूनाका और नेहरू पार्क तरणताल पहले से हैं। पूर्वी क्षेत्र में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल के निर्माण की मांग हमने सीएम शिवराज सिंह के समक्ष रखी थी। इसे मंजूर करते हुए सीएम शिवराज ने 25 मई 2010 को इस नए स्वीमिंग पुल के निर्माण की घोषणा की थी। पहले नगर निगम ही इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने वाला था पर चिन्हित जमीन आईडीए की होने से मामला अटक गया।दरअसल, आईडीए ने तब बाजार मूल्य से जमीन की की कीमत मांगी थी, जो नगर निगम के लिए देना संभव नहीं था। बाद में इस स्वीमिंग पुल के निर्माण की जिम्मेदारी आईडीए को ही दे दी गई।
टेंडर विवाद में हुई देरी।
नरुका का कहना था कि पहले चरण के काम के लिए टेंडर बुलाए गए थे। उनमें न्यूनतम की बजाए ज्यादा राशि वाले दूसरे नम्बर के टेंडर को स्वीकृत कर दिया गया। इसके खिलाफ न्यूनतम टेंडर डालने वाली एजेंसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। फैसला उसके पक्ष में रहा और आईडीए को ज्यादा राशि वाले टेंडर को रद्द कर न्यूनतम राशि का टेंडर देनेवाली एजेंसी को काम सौंपना पड़ा। इसके अलावा कांग्रेस शासनकाल में इसे खेल विभाग को सौंपने की भी तैयारी थी, जिसका हमने विरोध किया। इस सारी कवायद के चलते ही स्वीमिंग पुल के निर्माण में देरी होती चली गई, हालांकि अब इसके काम ने गति पकड़ी है और उम्मीद है कि तय समय सीमा में काम पूरा हो जाएगा।
बहुआयामी है अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल प्रकल्प।
पूर्व सभापति अजय सिंह नरुका ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल प्रोजेक्ट करीब 100 करोड़ का है। इसमें तीन तरणताल के साथ बहुउपयोगी इंडोर स्टेडियम, खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था, जिम, कैफेटेरिया सहित अन्य कई सुविधाओं का प्रावधान रखा गया है।
वाटर स्पोर्टस व आम नागरिकों के लिए बने अलग तरणताल।
नरुका ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्वीमिंग पुल प्रोजेक्ट में वाटर स्पोर्ट्स और आम नागरिकों के नहाने व तैराकी सीखने के लिए अलग तरणताल के निर्माण का प्रावधान है पर अभी तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 4 एकड़ जमीन इस तैराकी संकुल के लिए उपलब्ध है। ऐसे में पास में ही वाटर स्पोर्ट्स और आम नागरिकों के लिए भी एक तरणताल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस आशय का सुझाव पहले भी दिया था। इसपर गौर किया जाना चाहिए।