नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पर फैसले के बाद शनिवार शाम देश को संबोधित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास रहा है। पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले में अदालत में हर रोज सुनवाई हो। और आज फैसला आ गया है।
हर वर्ग के लोगों ने फैसले को स्वीकार किया।
पीएम मोदी ने कहा कि दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया और उस प्रक्रिया का आज समापन हुआ है। पूरी दुनिया मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। फैसला आने के बाद जिस तरह से हर वर्ग के लोगों ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है वह भारत की परंपरा को दिखाता है।
9 नवम्बर साथ रहकर आगे बढ़ने का पैगाम दे रही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना। देश के लिए खुशी की बात है कि फैसला सर्वसम्मति से आया। परिवार में छोटा मसला सुलझाना हो तो दिक्कत आती है। आज 9 नवंबर है। ये वही तारीख है जब बर्लिन की दीवार गिरी थी। दो विपरीत धाराओं ने एकजुट होकर नया संकल्प लिया था। आज 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत हुई है । इसमें भारत और पाकिस्तान दोनों का योगदान रहा है। ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने का संदेश दे रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख ये भी संदेश देती है कि कटुता का कोई स्थान नहीं है। हर स्थिति में धैर्य बनाए रखना जरूरी है। कोर्ट का ये फैसला हमारे लिए नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद पर कई पीढ़ियों पर असर पड़ा है. लेकिन हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम नए भारत का निर्माण करते हैं। हमें सबको साथ लेकर, सबका विश्वास हासिल करते हुए आगे बढ़ना है। राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है. अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
देश के भविष्य के लिए काम करना है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें भविष्य के भारत के लिए काम करते रहना है। भारत के सामने चुनौतियां बहुत हैं। मंजिलें और भी हैं। हर भारतीय साथ मिलकर इन लक्ष्यों को हासिल करेगा।
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा. देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सर्वसम्मति से अयोध्या में विवादित स्थल को लेकर फैसला सुना दिया। शीर्ष कोर्ट के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड मुहैया कराया जाए।
शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया। गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील बरसों पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया।