अमितेश नगर में साफ सुथरी नदी में परिवर्तित हुआ गन्दा नाला

  
Last Updated:  March 8, 2021 " 04:32 am"

फाउंटेन एवं पौधारोपण कर बढ़ाया सौंदर्यीकरण।

इंदौर : शहर को सीवेज मुक्त बनाने के उद्देश्य से नगर निगम द्वारा नदी-नाला आउटफॉल टेपिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत शहर की नदियों को पुनर्जीवित कर गंदे नालों को साफ करने का एक विशेष प्रयास प्रारम्भ किया गया है। इन्हीं प्रयासों के चलते शहर के अमितेश नगर से बहने वाली सरस्वती नदी के दो किलोमीटर के हिस्से को पूनर्जीवित कर पूरी तरह साफ कर दिया गया है। अब नदी के उक्त हिस्से में पूर्ण रूप से स्वच्छ जल का प्रवाह होता है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है नदी में विकसित होता जलीय जीवन। विदित है कि सरस्वती नदी 70 के दशक में तेजी से बढ़ती आबादी, औद्योगिकरण तथा नदी तट के पास हुए अनाधिकृत विकास के कारण प्रदूषित होने लगी थी। एक समय ऐसा भी आया जब सरस्वती नदी जहां कभी स्वच्छ पानी बहता था वह नाले के रूप में परिवर्तित होने लगी। लेकिन स्वच्छता के क्षेत्र में शहर का नाम देश भर में शीर्ष पर पहुंचाने में सफलता प्राप्त करने वाले नगर निगम ने अमितेश नगर में सरस्वती नदी को सीवेज मुक्त बनाने का अनूठा कार्य भी कर दिखाया है।

8 एमएलडी गंदे पानी का प्रतिदिन किया जा रहा है पुनर्नवीनीकरण।

जोन 13 के झोनल अधिकारी बृजमोहन भगोरिया ने बताया कि अमितेश नगर में नदी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से शत-प्रतिशत सीवेज मुक्त बनाया जा रहा है। उक्त प्लांट के जरिये 8 एमएलडी गंदे पानी का पुनर्नवीनीकरण कर नदी में छोड़ा जाता है। पर्यावरण और स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ इससे जल संरक्षण में भी मदद मिल रही है। पूनर्नवीनीकरण किए गए पानी का उपयोग अन्य सूखे जल निकायों को भरने के लिये भी किया जा रहा है। एसटीपी के जरिये भूजल प्रदूषण को भी रोका जा रहा है। उक्त क्षेत्र में नदी के सौंदर्यीकरण के लिये नियमित अंतराल में फव्वारे (फाउंटेन) लगाए गए हैं।साथ ही नदी तट के आस-पास पौधारोपण भी किया जा रहा है।

पानी की गुणवत्ता सुधारने के लिये बनाया फ्लोटिंग द्वीप।

अमितेश नगर स्थित सरस्वती नदी में बहते पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नगर निगम ने प्रायवेट फर्म की मदद से नदी में कृत्रिम फ्लोटिंग द्वीप का निर्माण किया है। इस फ्लोटिंग द्वीप की सहायता से पानी के जैविक ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) के स्तर में सुधार लाया जा रहा है। साथ ही पानी में फॉस्फोरस और नाइट्रोजन को पुन: चक्रित करके शैवाल की उपज को रोका जा रहा है।

बता दें कि इंदौर नगर निगम द्वारा संचालित किये जा रहे नदी-नाला आउटफॉल टैपिंग अभियान के परीणाम स्वरूप बीते दिनों सूखे नाले में जिला प्रशासन द्वारा क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। नगर वासियों ने भी जनभागीदारी की एक नयी मिसाल पेश करते हुए मूसाखेड़ी के विराट नगर में सूखे नाले में शादी की सालगिरह मनाई थी।

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