खंडवा कलेक्टर का अजब कारनामा, जनसंपर्क अधिकारी का ट्रांसफर कर भोपाल कर दिया अटैच…!

  
Last Updated:  May 23, 2021 " 05:23 pm"

खंडवा : पत्रकारों को धमकाने का दुस्साहसी कारनामा करने वाले खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी ने नया कारनामा करते हुए अपने क्षेत्राधिकार में न होते हुए भी जनसंपर्क अधिकारी (PRO) का ट्रांसफर कर उन्हें रिलीव भी कर दिया। खंडवा कलेक्टर की मनमानी यह मामला भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में भी गर्मा गया है। उधर जनसंपर्क आयुक्त ने साफ किया है कि कलेक्टर को यह अधिकार ही नहीं है।
सूत्रों के अनुसार मीडिया में लगातार लापरवाही उजागर होने से प्रशासन चिढ़ा हुआ है। खबरों को दबाने का जिम्मा उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी व स्टाफ को दिया था।

पत्रकारों को दिया था नोटिस।

बताया जाता है कि कोरोना संकट से निपटने में प्रशासन की विफलता की खबरें मीडिया में लगातार सुर्खियां बनने से कलेक्टर अनय शर्मा खफा थे। इसलिए सबसे पहले उनकी भड़ास मीडियाकर्मियों पर निकली। दो पत्रकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। जवाब नहीं देने की स्थिति में कार्रवाई के लिए धमकाया गया। इसके अलावा कुछ पत्रकारों को अपने कक्ष में बुलाकर मकान तोड़ने तक की धमकी दी गई। मामला यही नहीं थमा, एक पत्रकार के साथ वाटसएप कॉलिंग कर अभद्रता की गई।

पुलिस थानों को भी भेजी सूचना।

ताजा मामला जनसंपर्क अधिकारी ब्रजेंद्र शर्मा से जुड़ा है। शनिवार को उनको रिलीव कर दिया गया। अपर कलेक्टर शंकरलाल सिंघाड़े के हस्ताक्षर से निकले इस आदेश में प्रशासकीय आधार पर कार्यमुक्त करते हुए आयुक्त जनसंपर्क भोपाल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए कहा गया है। इस आदेश की प्रतिलिपि 43 विभागीय प्रमुखों को भेजी गई। हास्यास्पद यह है कि इस आदेश की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक के साथ ही थाना प्रभारियों को भी भेजी गई है।

कार्यमुक्त कर तत्काल बुलवा लिया वाहन।

बताया जाता है कि PRO को कार्यमुक्त करने के साथ ही उनकी गाड़ी भी तत्काल बुलवा ली गई। इस पूरे घटनाक्रम से घबराए जनसंपर्क अधिकारी ने फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

मुख्यमंत्री के पास है जनसंपर्क विभाग।

हैरत की बात ये है कि कलेक्टर अनय शर्मा सरकार को भी ठेंगे पर रख रहे हैं। खंडवा की हरसूद विधानसभा से विधायक विजय शाह सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बिना उनकी जानकारी में लाए कलेक्टर ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया ये जांच का विषय है। यही नही जनसंपर्क विभाग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास है। ऐसे में यह सवाल भी खड़ा होता है की क्या कलेक्टर, मुख्यमंत्री के अधिकारों को ही चुनौती दे रहे हैं..?

कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे।

जनसंपर्क अधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार राठौर ने कहा कि इस तरह का आदेश पूरी तरह असंवैधानिक है। हम इसका विरोध करते है। जल्द ही मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कलेक्टर के निलंबन की मांग करेंगे।

कलेक्टर को ट्रांसफर का अधिकार ही नहीं।

जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खांडे का इस मामले में कहना है कि ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ शासन को है। कलेक्टर को नहीं । मैं अभी ऑर्डर देखूंगा। उन्होंने किस आधार पर ट्रांसफर किया है।
बहरहाल, आपदा काल में नौकरशाही किस तरह बेलगाम होती जा रही है, उसका ये एक और उदाहरण है। मनमाने फैसले लेना और विरोध करने वालों को धमकाना कतिपय अधिकारियों का शगल बन गया है। ऐसे अधिकारी सरकार की छवि को भी ठेस पहुंचा रहे हैं। इनपर जितनी जल्दी हो कार्रवाई की जानी चाहिए।

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