अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के उन्नयन के लिए सरकार देगी 25 लाख, पुस्तकालय के हीरक जयंती समारोह में स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री ने किया ऐलान

  
Last Updated:  November 19, 2021 " 09:23 pm"

इंदौर : “शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय जैसी ऐतिहासिक धरोहर को विकसित करने और भावी पीढ़ी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की इंदौर वासियों की साधना और तपस्या में समाज के साथ-साथ शासन भी अपनी सहभागिता निभाना चाहता है। राज्य शासन की ओर से शासकीय अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय के उन्नयन और आधुनिकरण के लिए 25 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। पुस्तकालय के विकास के लिए परामर्शदात्री समिति द्वारा समग्र कार्ययोजना तैयार कर शासन को प्रस्ताव भेजा जाए, मैं यह आश्वासन देता हूं कि शासन उस प्रस्ताव पर अपना हर संभव योगदान देगा।” ये बात मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कही। वे शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय की स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। शुभारंभ समारोह में सांसद शंकर लालवानी, क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय, संभागायुक्त डॉ पवन कुमार शर्मा, पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मगिलिगन, पद्मश्री भालू मोंढे, वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार अष्ठाना, वरिष्ठ समाजसेवी प्रीतम लाल दुआ, अनिल भंडारी, क्षेत्रीय ग्रंथपाल लिली डावर सहित पुस्तकालय के कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

देश की परंपरा व संस्कृति को बनाए रखने में शिक्षा का विशेष महत्व।

मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि किसी भी क्षेत्र का विकास सिर्फ समाज की सहभागिता से ही संभव है।सरकार उसमें सहयोगी का काम करती है लेकिन समाज की सहभागिता और एकता उसके विकास की नींव रखती है। उन्होंने कहा कि देश की परंपरा एवं संस्कृति को बनाए रखने में शिक्षा का विशेष महत्व है। शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में पुस्तकालय का विशेष योगदान सदैव रहा है। हमारे देश में पुस्तकों का इतिहास दुनिया में सबसे ज्यादा पुराना है। प्राचीन काल में भी लोग विश्वभर से भारत में ज्ञान प्राप्त करने आते थे,इसी से भारत को विश्व गुरु की उपाधि मिली थी। भारत ने हर संस्कृति को संरक्षण देकर पोषित किया है। यहां किसी भी वर्ग में भेदभाव नहीं होता,हर किसी को सम्मान दिया जाता है, यह शक्ति हमें शिक्षा से ही मिली है।
मंत्री परमार ने कहा कि शिक्षा श्रेष्ठ नागरिक का निर्माण करती है। हमारी भावी पीढ़ी के बेहतर निर्माण के लिए नई शिक्षा नीति भारत सरकार द्वारा बनाई गई है। भारत के कौशल और परंपरागत ज्ञान को आधुनिकता से जोड़ कर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने में नई शिक्षा नीति ने नवीन पहल की है। इस नीति का निर्माण समाज की सहभागिता से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में नवीन उदाहरण स्थापित करेगा और प्रदेशवासी मिलकर आजादी के अमृत महोत्सव को नए स्वरूप के रूप में मनाएंगे जिसमें शिक्षा की महती भूमिका रहेगी।

पुस्तकालय में शुरू होगी ई – लाइब्रेरी।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय हमारे जिले की वह धरोहर है जो इंदौर का गौरवशाली इतिहास बयां करती है। लोग पिछले 60 वर्षों से ज्ञान प्राप्ति के लिए इसका उपयोग करते आ रहे हैं। पाठकों के लिए इस पुस्तकालय को अधिक उपयोगी बनाने के लिए पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी की सुविधा शुरू करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए एयर कंडीशन हॉल भी तैयार किया गया है।

पुस्तकें हमें अच्छाई का बोध कराती हैं।

क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसी भी पुरुष को पुरुषोत्तम और नर को नारायण बनाने में पुस्तकों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहता है। पुस्तके हमें अच्छाई का बोध कराती हैं। यह हमारी अनमोल धरोहर है जिसे शासकीय श्री केंद्रीय पुस्तकालय ने संजो कर रखा है। उन्होंने पुस्तकालय के समस्त स्टाफ को 60 वर्ष के इस सफल सफर के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी।

पुस्तकालय की वेबसाइट की लांच।

हीरक जयंती समारोह के अवसर पर शासकीय श्री अहिल्या केंद्रीय पुस्तकालय की नवीन वेबसाइट भी लांच की गई, जिसके माध्यम से शहर के युवा 90 हजार पुस्तकों को ऑनलाइन पढ़ सकेंगे। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने पुस्तकालय के 60 वर्ष के सुनहरे सफर की डॉक्यूमेंट्री भी देखी। उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय हीरक जयंती समारोह में विभिन्न तरह की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी जिसमें संगोष्ठी, कार्यशाला, कविता एवं कहानी वाचन सहित अन्य कई गतिविधियां शामिल हैं।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *